भारतीय शेयर बाजार करेक्शन या क्रैश?

भारतीय शेयर बाजार करेक्शन या क्रैश?

सितंबर 2024 से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। निफ्टी और सेंसेक्स अपने उच्चतम स्तर से 13% नीचे हैं, और निवेशकों के पोर्टफोलियो में 30-50% तक की गिरावट दर्ज की गई है। यह सवाल उठता है कि यह सिर्फ एक करेक्शन है या बाजार अब क्रैश के चरण में प्रवेश कर चुका है।

भारतीय शेयर बाजार करेक्शन या क्रैश?

करेक्शन और क्रैश का अंतर

  1. करेक्शन
    • जब बाजार में 10% तक की गिरावट होती है, तो इसे करेक्शन कहा जाता है।
    • इसमें उम्मीद रहती है कि बाजार किसी प्रमुख सपोर्ट लेवल पर रुककर बाउंस बैक करेगा।
  2. क्रैश
    • जब बाजार लगातार सभी सपोर्ट लेवल तोड़ता जाता है और निवेशकों का विश्वास डगमगाने लगता है।
    • बाजार में भारी बिकवाली के कारण तेजी से गिरावट होती है।

वर्तमान बाजार की स्थिति

  • सपोर्ट लेवल टूटना
    • बाजार ने 26,000, 25,000, 24,500, 24,000, 23,500 और 23,000 जैसे प्रमुख सपोर्ट लेवल तोड़ दिए हैं।
    • लगातार गिरावट से बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
  • निवेशकों की चिंता
    • पोर्टफोलियो में 30-50% तक की गिरावट के कारण निवेशक घबराहट में अपने स्टॉक्स बेच रहे हैं।
    • बिकवाली का यह दबाव बाजार को और नीचे खींच रहा है।
  • भावनात्मक पहलू
    • बाजार में डर का माहौल है, और निवेशक लॉस अवॉइडेंस के चलते शेयर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

भारतीय शेयर बाजार करेक्शन या क्रैश?

करेक्शन या क्रैश क्या है यह?

1. करेक्शन के लक्षण

  • अगर बाजार 10% के भीतर गिरता और किसी सपोर्ट लेवल पर रुक जाता, तो इसे करेक्शन माना जाता।

2. क्रैश के संकेत

  • बाजार लगातार सपोर्ट लेवल तोड़ते हुए नीचे जा रहा है।
  • निवेशकों का विश्वास कमजोर हो रहा है।
  • मार्केट में पैनिक सेलिंग बढ़ रही है।

वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय बाजार क्रैश के चरण में प्रवेश कर चुका है।

निवेशकों के लिए सलाह

  1. धैर्य बनाए रखें
    • बाजार गिरावट के बाद अक्सर रिकवरी करता है।
  2. लॉन्ग-टर्म पर ध्यान दें
    • लॉन्ग-टर्म निवेशक गिरावट के दौरान अच्छे स्टॉक्स में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
  3. मूल्यांकन करें
    • मौजूदा पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन करें और मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स पर फोकस करें।
  4. एक्सपर्ट की सलाह लें
    • जल्दबाजी में निर्णय न लें। विशेषज्ञों से परामर्श लें।

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार इस समय एक गंभीर गिरावट का सामना कर रहा है, जो एक क्रैश की तरह लग रहा है। हालांकि, बाजार का स्वभाव चक्रीय (Cyclical) होता है। गिरावट के बाद रिकवरी की संभावना रहती है। इसलिए, धैर्य और अनुशासन बनाए रखना निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

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