अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की शुरुआत
ट्रेड वॉर का नया दौर Reciprocal Tariff के बाद चीन का बड़ा जवाब
अमेरिका द्वारा चीन और अन्य देशों पर लगाए गए Reciprocal Tariff के जवाब में अब चीन ने Rare Earth Elements के निर्यात पर रोक लगा दी है। इससे अमेरिका समेत पूरी दुनिया की टेक और डिफेंस इंडस्ट्रीज को झटका लग सकता है।
चीन की जवाबी कार्रवाई 7 रणनीतिक धातुओं पर निर्यात बैन
बीजिंग ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह सात अत्यंत जरूरी Rare Earth Elements का एक्सपोर्ट तत्काल प्रभाव से रोक रहा है:
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Samarium (सैमरियम)
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Gadolinium (गैडोलीनियम)
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Terbium (टेरबियम)
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Dysprosium (डिस्प्रोसियम)
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Lutetium (ल्यूटेटियम)
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Scandium (स्कैंडियम)
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Yttrium (यिट्रियम)
इन धातुओं का टेक्नोलॉजी और डिफेंस में इस्तेमाल
इन Rare Earth Elements का उपयोग होता है
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Electric Vehicles (EVs)
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Smartphones
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Fighter Jets & Missiles
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Satellites
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Optical Lasers & Radar Systems
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Jet Engine Coating
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5G & Advanced Communication Equipment
वैश्विक सप्लाई चेन पर प्रभाव
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चीन दुनिया का 70% से अधिक Rare Earth उत्पादन करता है।
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US Geological Survey (USGS) के अनुसार, चीन की यह कार्रवाई वैश्विक सप्लाई चेन को भारी संकट में डाल सकती है।
डिफेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर तगड़ा असर
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अमेरिका की डिफेंस कंपनियां जैसे Lockheed Martin, Raytheon, और टेक कंपनियां जैसे Apple, Tesla इन पर निर्भर हैं।
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इन धातुओं पर रोक से सेना की क्षमताएं, और EV इंडस्ट्री तक प्रभावित हो सकती हैं।
पुराने प्रतिबंधों की तर्ज पर नई सख्ती
पिछले साल Germanium और Gallium पर भी चीन ने ऐसे ही प्रतिबंध लगाए थे — ये भी डिफेंस और टेक्नोलॉजी के लिए अत्यंत आवश्यक माने जाते हैं।
क्या अमेरिका के पास कोई विकल्प हैं?
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अमेरिका के पास लगभग 3.6 मिलियन टन Rare Earth का भंडार है।
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कनाडा के पास इससे भी ज्यादा – 14 मिलियन टन।
हालांकि, इन्हें निकालना और रिफाइन करना महंगा और पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील होता है।
क्या यह अमेरिका के लिए चेतावनी है?
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही कहा था
“अमेरिका को Rare Earth Elements के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए।”
अब यह चेतावनी हकीकत बनती दिख रही है।