FPI की धमाकेदार वापसी कब होगी?
पिछले कुछ महीनों से Foreign Portfolio Investors (FPI) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। लेकिन क्या ये सिर्फ एक Temporary Phase है?
Market Experts का मानना है कि जैसे ही Global Uncertainty कम होगी, FPI फिर से भारत की तरफ रुख करेंगे।
क्यों बना रहेगा भारत FPI का Favourite Destination?
Geojit Financial Services के Chief Investment Strategist V.K. Vijayakumar कहते हैं:
“US-China Tariff War के चलते दोनों देशों की Growth रुक सकती है, लेकिन भारत 2026 तक करीब 6% GDP ग्रोथ के साथ मजबूत रहेगा। यही भारत को बाकी Global Markets से अलग और Attractive बनाता है।”
क्या है FPI की मौजूदा Selling की वजह?
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Global Trade Tensions
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Market Volatility
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US-China Tariff Disputes
मार्च 2025 के अंत में थोड़ी Buying देखने को मिली थी, लेकिन उसके बाद FPI फिर से Selling Mode में आ गए।
सिर्फ अप्रैल में ही FPI ने ₹35,641 करोड़ निकाले हैं।
साल की शुरुआत से अब तक Total Selling ₹1.74 लाख करोड़ हो चुकी है।
DII ने दिखाई ताकत
जहां FPI ने ₹2,519 करोड़ की Net Selling की, वहीं Domestic Institutional Investors (DII) ने उसी दिन ₹3,759 करोड़ की जोरदार Buying की।
इससे बाजार को स्थिरता मिली और Sentiment भी मजबूत हुआ।
Trump Relief से Market को Boost
President Donald Trump ने 70 से अधिक देशों (जिसमें भारत भी शामिल है) पर लगने वाले टैरिफ को जुलाई तक के लिए टाल दिया। इस फैसले का सीधा असर बाजार पर दिखा:
BSE Sensex 1,310 अंकों की छलांग के साथ 75,157 पर बंद
Nifty 50 429 अंकों की बढ़त के साथ 22,828 पर बंद
Banking और Auto सेक्टर में जबरदस्त Buying देखने को मिली।
अगले हफ्ते का Market Trend क्या रहेगा?
Religare Broking के SVP Ajit Mishra का कहना है:
“Market अगले सप्ताह Sensetive रहेगा क्योंकि दो Major Factors आने वाले हैं:
US-China Trade Situation
Q4 Earnings – Wipro, Infosys, HDFC Bank, ICICI Bank जैसे Giants के Results”
Final Takeaway – कब लौटेंगे FPI?
FPI की वापसी Market Stability और Global Economic Conditions पर निर्भर करती है।
भारत की GDP Growth, Domestic Consumption और Political Stability इसे एक Attractive Destination बनाते हैं।
Smart Investors को इस वक्त Long-Term View के साथ Selective Buying पर Focus करना चाहिए।