Stock in News 15 April
Positive News
1. Zydus Lifesciences
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फ्रांस की Amplitude Surgical SA में 85.6% हिस्सेदारी का अधिग्रहण।
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साथ ही Jaythari tablets को USFDA से मंजूरी, जिससे दवा पोर्टफोलियो को बढ़ावा मिलेगा।
2. Indian Overseas Bank
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Repo-linked lending rate को 9.10% से घटाकर 8.85% किया – लोन सस्ते होने की उम्मीद।
3. SBI (State Bank of India)
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Repo-linked rate में 25 bps की कटौती कर अब 8.25% किया – उधारकर्ताओं को राहत।
4. Reliance Industries
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Nauyaan Shipyard में अतिरिक्त 10% हिस्सेदारी ₹51.72 करोड़ में खरीदी – समुद्री क्षेत्र में विस्तार।
5. GAIL (India)
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अमेरिकी LNG प्रोजेक्ट में 26% हिस्सेदारी के लिए EOI मंगाई – ग्लोबल विस्तार की रणनीति।
6. GMR Power & Urban Infra
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₹4,400 करोड़ का deleverage plan घोषित – कर्ज़ प्रबंधन और एकमुश्त सेटलमेंट की तैयारी।
7. Persistent Systems
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Capiot Software के साथ विलय को NCLT से मंजूरी – टेक्नोलॉजी क्षमताएं बढ़ेंगी।
8. Ashoka Buildcon
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₹569 करोड़ का रेलवे प्रोजेक्ट मिला – L1 bidder के रूप में order book में इजाफा।
9. HCL Technologies
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Google Cloud Partner Specializations में 3 नए टाइटल हासिल – अब कुल 7 specializations।
10. Ircon International
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Indian Railways से ₹128 करोड़ का नया ऑर्डर – मजबूत order inflow।
11. Tata Power Renewable Energy
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NTPC के साथ 200 MW का PPA साइन – Clean Energy portfolio में मजबूती।
12. Ugro Capital
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Q4 में AUM ₹12,000 करोड़ पहुंचा – YoY और QoQ दोनों में ग्रोथ।
13. Jaykay Enterprises
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₹112.46 करोड़ का share swap deal अप्रूव – कॉर्पोरेट consolidation की दिशा में कदम।
Negative News
1. Dr. Reddy’s
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25% वर्कफोर्स कटौती की रिपोर्ट को नकारा गया, लेकिन अफवाहों से sentiment पर असर संभव।
2. Home First Finance
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QIP ₹970/share पर क्लोज़ – floor price से 4.83% डिस्काउंट, मांग पर सवाल।
3. Swiggy
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Independent Director Sahil Barua का इस्तीफा – कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर सतर्कता जरूरी।
4. Vedanta
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Odisha Pollution Board ने ₹71.16 करोड़ की पर्यावरणीय penalty लगाई – कंपनी ने आरोपों को चुनौती दी है।
5. GSK Pharma
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₹21.63 करोड़ का tax demand और penalty notice मिला – कानूनी प्रक्रिया में उलझाव की आशंका।
निष्कर्ष
आज की खबरों में पॉज़िटिव साइड भारी है। कई सेक्टर्स – फार्मा, बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और टेक – में मजबूत बिजनेस डिवेलपमेंट्स देखने को मिले हैं। वहीं, कुछ कंपनियों को रेगुलेटरी और कॉर्पोरेट गवर्नेंस संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।