भारत-पाक तनाव का असर शेयर बाजार पर क्या हो रहा है
1. शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 589 अंक टूटा
25 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 589 अंक टूटकर बंद हुआ जबकि निफ्टी 24,000 के पास लुढ़क गया। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स में करीब 1,200 अंकों तक की गिरावट देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी लगभग 2.5% टूटे, जिससे बाजार पूंजीकरण में 9 लाख करोड़ रुपये तक की कमी आई।
2. “Wait & Watch” मोड में दिखे निवेशक
Pahalgam में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित सैन्य प्रतिक्रिया को लेकर निवेशकों में सतर्कता बढ़ गई है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक बाजार संयमित प्रतिक्रिया दे रहा है, लेकिन यदि तनाव और बढ़ा तो बाजार भावनाओं पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
3. कमजोर तिमाही नतीजे और विदेशी निवेश की उलझन
एक ओर कमजोर तिमाही आय ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई, वहीं दूसरी ओर FII (Foreign Institutional Investors) की रणनीतिक वापसी से बाजार दोराहे पर खड़ा हो गया है। यही कारण है कि बाजार फिलहाल किसी स्थायी दिशा में नहीं बल्कि कंसोलिडेशन फेज में दिखाई दे रहा है।
4. सीमित सैन्य कार्रवाई की संभावना, लेकिन गंभीर संकेत भी
White Oak के फाउंडर प्रशांत खेमका का मानना है कि पहले की तरह सीमित कार्रवाई की ही संभावना है। हालांकि, PM मोदी का अचानक सऊदी अरब दौरा रद्द करना और हाई-लेवल बैठकों का सिलसिला यह संकेत देता है कि स्थिति गंभीर हो सकती है।
5. विशेषज्ञों की राय बाजार हमेशा तैयार नहीं होता
Helios Capital के फंड मैनेजर समीर अरोड़ा के अनुसार, “ऐसे भू-राजनीतिक हालातों के लिए बाजार कभी पूरी तरह तैयार नहीं होता।” इसीलिए मौजूदा परिस्थिति में सतर्क रहना ही समझदारी है।
6. होल्ड की रणनीति अपनाने की सलाह
Abakkus Asset Manager के सुनील सिंघानिया का मानना है कि बाजार की दिशा फिलहाल “Hold Strategy” की मांग कर रही है। यानी निवेशकों को घबराने के बजाय अपने पोर्टफोलियो पर पकड़ बनाए रखनी चाहिए।
7. हालिया तेजी में बैंकिंग शेयरों की प्रमुख भूमिका
9 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच सेंसेक्स में 8% की तेजी आई थी, जिसमें बैंकिंग सेक्टर का बड़ा योगदान था। वैल्यू रोटेशन और शॉर्ट कवरिंग ने इस रैली को मजबूती दी, लेकिन अब ये तेजी थमती दिख रही है।
8. टेक्निकल एनालिसिस गिरावट की संभावना
टेक्निकल एनालिस्ट सुशील केडिया का कहना है कि बैंकिंग शेयरों में शॉर्ट कवरिंग अब पूरी हो चुकी है और बाजार एक नई गिरावट की ओर बढ़ सकता है।
9. FII की खरीद और बिक्री में बदलाव
हालांकि अप्रैल में FIIs ने कुल 55 करोड़ डॉलर की बिकवाली की थी, लेकिन पिछले 7 दिनों में उन्होंने करीब 3 अरब डॉलर की खरीदारी की है। यह दर्शाता है कि अमेरिकी बाजारों में अनिश्चितता के चलते भारत को एक सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।
10. कमजोर कंपनी नतीजे और ऊंचे वैल्यूएशन
Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, 111 कंपनियों का औसत ऑपरेटिंग प्रॉफिट केवल 6% बढ़ा है, जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे कमजोर वृद्धि है। इससे बाजार को लेकर निवेशकों में असमंजस बना हुआ है।
11. IT और FMCG सेक्टर ने किया निराश
Infosys, TCS, Wipro जैसी IT कंपनियों की आय में गिरावट देखी गई है। वहीं HUL और Nestle जैसे FMCG ब्रांड्स ने भी उम्मीद से कमजोर नतीजे दिए हैं।
12. उपभोग मांग में गिरावट चिंता का कारण
भले ही बजट में टैक्स सेविंग्स की घोषणाएं की गई थीं, लेकिन कंजम्प्शन सेक्टर में डिमांड उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ पाई है, जिससे निवेशकों में चिंता और बढ़ी है।
निष्कर्ष बाजार की दिशा दो मुख्य कारकों पर निर्भर
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भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव किस हद तक बढ़ता है
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कमाई के आंकड़े ऊंचे वैल्यूएशन को कितना जस्टिफाई करते हैं
इस समय बाजार एक टेंशन मोड में है—एक नजर बॉर्डर पर है, और दूसरी कंपनियों की ईarnings शीट पर।