IndusInd Bank को 19 वर्षों में पहली बार बड़ा घाटा 

IndusInd Bank को 19 वर्षों में पहली बार बड़ा घाटा 

 ₹2,300 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान, Microfinance में बड़ा झटका

IndusInd Bank को Q4 FY25 में ₹2,300 करोड़ से अधिक का शुद्ध घाटा हुआ है — और यह इसके 19 वर्षों के इतिहास में पहली बार है जब बैंक घाटे में गया है।

बैंक के microfinance business में ही ₹2,400 करोड़ की एकमुश्त हानि दर्ज की गई, जिसने पूरे क्वार्टर को नेगेटिव बना दिया।

IndusInd Bank

₹173 करोड़ के फ्रॉड की आशंका

बैंक ने अपने microfinance loan portfolio में ₹173 करोड़ के संभावित फ्रॉड की जानकारी दी है। यह पहला मौका है जब बैंक ने accounting irregularities को फ्रॉड की कैटेगरी में रखा है।

  • Credit cost 2.9%

  • Contingency provisions (₹1,330 करोड़) पूरी तरह उपयोग कर ली गईं

इन घटनाओं से बैंक की गवर्नेंस और ऑडिटिंग पर भी सवाल उठे हैं।

 ब्रोकरेज फर्मों की रिपोर्ट – क्या कहते हैं विश्लेषक?

Macquarie Outperform लेकिन चिंताएं बरकरार

  • Rating Outperform

  • Target Price ₹1,210

  • मानते हैं कि Q4 नतीजे अनुमान से कमजोर रहे

  • PPOP कुछ एकमुश्त प्रभाव और adjustment के बाद ₹3,000 करोड़

  • आगे फोकस रहेगा:

    • नए CEO की नियुक्ति

    • Credit cost

    • Net Interest Margin (NIM)

    • Governance सुधार

IndusInd Bank

UBS Sell Rating और बड़ी अनिश्चितता

  • Rating Sell

  • Target Price ₹600

  • MFI loan में negative one-off impact भारी पड़ा

  • EPS और Valuation में कोई स्पष्ट सुधार नहीं दिख रहा

  • बैंक के नए CEO की घोषणा 30 जून तक हो सकती है

  • शेयर अब भी महंगा लगता है – de-rating संभव

HSBC Reduce Rating और EPS में भारी कटौती

  • Rating Reduce

  • Target Price ₹660

  • FY26 और FY27 के EPS अनुमान में 41-43% तक की कटौती

  • बैंक की स्थिति 2009 से पहले जैसी हो गई है

  • Revival का कोई स्पष्ट रास्ता नजर नहीं आ रहा

CLSA Hold Rating लेकिन डाउनग्रेड किया Target

  • Rating: Hold

  • Target Price: ₹725

  • Q4 घाटे की वजह multiple one-offs को माना गया

  • MFI asset classification में transparency की कमी

  • FY26 में 42% और FY27 में 28% तक के earnings अनुमान घटाए

 निष्कर्ष IndusInd Bank के सामने चुनौतीपूर्ण समय

  • बैंक को microfinance क्षेत्र में बड़े बदलाव और निगरानी की ज़रूरत है

  • गवर्नेंस सुधार और नए CEO की नियुक्ति critical होंगी

  • ज्यादातर ब्रोकरेज cautious हैं – निवेशकों को फिलहाल सतर्कता रखनी चाहिए

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