5th Generation Fighter Jet बनाने की प्रक्रिया हुई शुरू
भारत अब रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। 5th Generation Stealth Fighter Jet को देश में ही विकसित करने की दिशा में केंद्र सरकार ने आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए EoI (Expression of Interest) दस्तावेज़ जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। EoI जारी – आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2025
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए Aeronautical Development Agency (ADA) ने EoI जारी किया है।
सरकार चाहती है कि इस प्रोजेक्ट में घरेलू कंपनियों की भागीदारी हो और इस तकनीकी मिशन को Make in India Defence के तहत सफल बनाया जाए।
CNBC-Awaaz के Economic Policy Editor लक्ष्मण रॉय के अनुसार, इच्छुक कंपनियों को 16 अगस्त 2025 तक आवेदन करने के लिए कहा गया है।
EoI के अंतर्गत तीन चरणों का परीक्षण अनिवार्य
EoI डॉक्यूमेंट में तीन बड़े परीक्षण शामिल किए गए हैं:
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प्रोटोटाइप तैयार करना
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एयरवर्थी सर्टिफिकेशन प्राप्त करना
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फ्लाइट टेस्टिंग करना
जो कंपनियां इन तीन परीक्षणों में सफल होंगी, उन्हें आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग फेज में शामिल किया जाएगा।
बोली लगाने के तीन विकल्प
सरकार ने कंपनियों को अधिक लचीलापन देने के लिए EoI में तीन विकल्प दिए हैं
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अकेले बिड करना (Individual Bid)
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संयुक्त उद्यम (Joint Venture)
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कंसोर्टियम (Consortium) बनाकर बोली लगाना
यह मॉडल निजी कंपनियों, स्टार्टअप्स और MSMEs को रक्षा उत्पादन से जोड़ने का प्रयास है।
सरकार का लक्ष्य 2030 तक सेना में शामिल हो Jet
सरकार की योजना है कि यह 5th Gen Fighter Jet वर्ष 2030 तक भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल कर लिया जाए।
इस रणनीतिक प्रोजेक्ट के लिए पहले ही ₹15,000 करोड़ का बजट मंजूर किया जा चुका है।
AMCA प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
यह फाइटर जेट Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) प्रोग्राम के तहत विकसित किया जा रहा है।
Defence Minister राजनाथ सिंह ने मई 2025 में इसके Implementation Model को मंजूरी दी थी।
AMCA एक स्वदेशी, दो इंजन वाला स्टील्थ फाइटर होगा जो Supercruise, AI-Enhanced Systems, और Advanced Avionics से लैस होगा।
भारत बनेगा तीसरा देश, जो 5th Gen Jet बनाएगा
इस समय केवल दो ही देश —
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अमेरिका (F-22 Raptor, F-35 Lightning II)
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चीन (J-20, J-35)
के पास पूरी तरह ऑपरेशनल 5th Generation Stealth Fighter Jets हैं।
अगर भारत का यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो भारत दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा जो अपना खुद का स्टील्थ फाइटर जेट पूरी तरह घरेलू तकनीक से विकसित करेगा।
निष्कर्ष
भारत का यह कदम केवल सैन्य क्षमता ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि देश को रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर और ग्लोबल स्तर पर रणनीतिक रूप से सशक्त बनाएगा।
इस प्रोजेक्ट से भारतीय टेक्नोलॉजी सेक्टर, R&D और मैन्युफैक्चरिंग में भारी प्रगति देखने को मिलेगी।