क्या आप भी डिविडेंड के पैसे को खर्च कर देते हैं?
अधिकतर लोग जब किसी कंपनी से डिविडेंड इनकम पाते हैं, तो उसे एक अतिरिक्त आमदनी समझकर खर्च कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ यही छोटी रकम, आपको लाखों-करोड़ों की दौलत दिला सकती है?
इसका जवाब है — कंपाउंडिंग का जादू। चलिए इसे एक कहानी से समझते हैं।
आनंद और सत्येंद्र की कहानी डिविडेंड को समझने की शुरुआत
आनंद, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो स्टॉक मार्केट में निवेश करता है। वह उन कंपनियों में निवेश करता है जो हर साल अच्छा डिविडेंड देती हैं। लेकिन वह हर बार डिविडेंड की रकम खर्च कर देता है — कभी नए गैजेट्स, कभी घूमने-फिरने में।
एक दिन उसके दोस्त सत्येंद्र ने पूछा
“क्या तुमने कभी सोचा कि अगर यही डिविडेंड के पैसे वापस निवेश कर दो, तो उसका क्या असर होगा?”
आनंद का जवाब था – “नहीं, कभी सोचा ही नहीं…”
सत्येंद्र का फॉर्मूला डिविडेंड से पैसा बनाओ, फिर उसी से और पैसा बनाओ
सत्येंद्र ने समझाया कि
“मान लो तुम्हारे पास ₹1,000 का एक शेयर है जो हर साल 5% डिविडेंड देता है, यानी ₹50 सालाना।
अगर तुम वो ₹50 फिर से उसी कंपनी के शेयर में लगा दो, तो अगले साल तुम्हारे पास ₹1,050 का निवेश हो जाएगा।
अब अगली बार तुम्हें ₹52.50 डिविडेंड मिलेगा – यानी compound growth शुरू हो गया।
हर साल ये चक्र चलता रहेगा
-
डिविडेंड मिलेगा
-
फिर से निवेश करोगे
-
निवेश बड़ा होगा
-
डिविडेंड और मिलेगा
-
और पैसा अपने आप बढ़ता चला जाएगा
यही है असली वेल्थ बिल्डिंग स्ट्रेटेजी।
कंपाउंडिंग का जादू छोटे पैसे से बड़ा फायदा
साल | निवेश राशि (₹) | सालाना डिविडेंड (5%) | कुल वैल्यू (₹) |
---|---|---|---|
1 | 1,000 | 50 | 1,050 |
2 | 1,050 | 52.5 | 1,102.5 |
3 | 1,102.5 | 55.13 | 1,157.63 |
10 | ~1,628 | ~81 | ~1,709 |
20–25 साल तक ऐसे ही निवेश करने पर ₹1,000 → ₹4,000+ या उससे भी ज्यादा हो सकता है — बिना किसी एक्स्ट्रा मेहनत के।
डिविडेंड Reinvestment से क्या फायदे मिलते हैं?
Compound Growth का फायदा
शेयरों की संख्या बढ़ती है
Portfolio size बढ़ता है
Passive Income मजबूत होती है
Long-Term Wealth Create होता है
Tax Saving भी हो सकती है (Depending on holding)
निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप भी चाहते हैं
-
आर्थिक स्वतंत्रता
-
बिना मेहनत की कमाई
-
सेफ और लॉन्ग टर्म ग्रोथ
तो अगली बार जब डिविडेंड मिले, उसे खर्च करने की बजाय फिर से निवेश करें। छोटे-छोटे फैसले आपको लाखों और करोड़ों तक पहुंचा सकते हैं