सिगाची इंडस्ट्रीज विस्फोट एक त्रासदी और 10 घातक चूक
रासायनिक पदार्थ Microcrystalline Cellulose (MCC)
1. अलार्म और सेंसर्स फेल चेतावनी नहीं दी
HYDRAA के कमिश्नर एवी रंगनाथ ने बताया कि तापमान सेंसर्स ने कोई अलर्ट नहीं दिया। MCC के 399°C पर पहुंचते ही थर्मल डीकंपोजिशन शुरू हो गया, लेकिन अलार्म सिस्टम सक्रिय नहीं हुआ।
2. MCC ओवरहीटिंग बना हादसे का कारण
तेलंगाना फॉरेंसिक लैब ने MCC की अधिक गर्मी को “डस्ट एक्सप्लोजन” की मुख्य वजह माना। यह हादसा उच्च तापमान के कारण धमाके के रूप में हुआ।
3. एक्सपायर्ड Fire Safety NOC
District Fire Officer ने पुष्टि की कि फैक्ट्री के पास वैध फायर NOC नहीं था — जो एक गंभीर नियामकीय उल्लंघन है।
4. इंटरलॉकिंग सिस्टम फेल
Interlocking System जो तापमान बढ़ने पर ऑटोमैटिकली प्रोसेस को रोक देता, वह पूरी तरह से काम नहीं कर रहा था।
5. खराब मेंटेनेंस और ड्रायर में चोकिंग
Spray dryer में heat buildup और choking देखी गई। TSPCB के अधिकारियों ने poor maintenance को हादसे की बड़ी वजह बताया।
6. पुरानी मशीनरी को लेकर शिकायतें अनसुनी
FIR के अनुसार, मज़दूरों ने मशीनों की स्थिति को लेकर कई बार शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। FIR में मामला गैर-इरादतन हत्या (IPC 304A) के तहत दर्ज किया गया।
7. शिफ्ट ओवरलैप और ओवरक्राउडिंग
हादसा उस वक्त हुआ जब night और day shift एक साथ मौजूद थीं, और उसी समय powder packing भी चल रही थी।
8. Filters और Sieves में तकनीकी खामी की आशंका
MCC पाउडर को छानने वाले उपकरणों में खराबी होने से Dust buildup और विस्फोट की आशंका जताई जा रही है।
9. कमजोर रेग्युलेटरी निगरानी
TSPCB अधिकारियों ने खुद माना कि spray dryer जैसे संवेदनशील उपकरणों पर निगरानी में चूक हुई है।
10. लीडरशिप का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
हादसे के बाद कंपनी की टॉप लीडरशिप घटनास्थल पर नहीं पहुंची। राज्य के उद्योग मंत्री ने इसे “निंदनीय” करार दिया।
निष्कर्ष
सिगाची इंडस्ट्रीज का यह हादसा सिर्फ तकनीकी विफलता नहीं था, बल्कि यह corporate irresponsibility, regulatory negligence, और manpower safety की अनदेखी का जीवंत उदाहरण है। यह त्रासदी भारतीय इंडस्ट्री में सुरक्षा मानकों की खतरनाक कमी को उजागर करती है।