MTNL का BSNL में विलय
1 जनवरी 2025 से MTNL अब BSNL का हिस्सा
भारत सरकार ने महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के सभी ऑपरेशंस को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को ट्रांसफर कर दिया है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पुष्टि की कि अब MTNL के revival की जरूरत नहीं बची है, क्योंकि वह पूरी तरह BSNL में समाहित हो चुका है।
“अब MTNL की सभी सेवाएं BSNL द्वारा ही संचालित की जा रही हैं।” – ज्योतिरादित्य सिंधिया
MTNL में क्या बचा है? सिर्फ कर्ज और सरकारी इक्विटी
अब MTNL में सिर्फ दो चीज़ें बची हैं
-
₹8,000 करोड़ से अधिक का बैंक लोन
-
Government Equity
सरकार इस लोन को बैंकों के साथ restructuring के ज़रिए सुलझाने की प्रक्रिया में है, जिसे वित्त मंत्रालय मॉनिटर कर रहा है।
Asset Monetisation से होगा कर्ज निपटान
MTNL के भारी कर्ज को चुकाने के लिए Asset Monetisation Plan लागू किया जा रहा है। इसमें शामिल है:
-
जमीन की बिक्री
-
बिल्डिंग्स और टावर इंफ्रास्ट्रक्चर का मोनेटाइजेशन
यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद pari passu स्क्वायरिंग-अप एक्सरसाइज के तहत कर्ज चुकाया जाएगा।
MTNL डिफॉल्ट रिकॉर्ड
MTNL अब तक ₹8,000 करोड़ से अधिक का डिफॉल्ट कर चुका है। कोई सीधा राहत पैकेज नहीं दिया गया है, लेकिन वित्तीय समाधान की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।
BSNL का प्रदर्शन अभूतपूर्व टर्नअराउंड
EBITDA में 150% की वृद्धि
-
FY23-24 ₹2,146 करोड़
-
FY24-25 ₹5,395 करोड़
Revenue में 8% की ग्रोथ
-
FY23-24 ₹20,000 करोड़
-
FY24-25 ₹21,900 करोड़
इतिहास का सबसे बड़ा Capital Expenditure
BSNL ने FY24-25 में किया ₹25,000 करोड़ का पूंजीगत व्यय, जो कि:
-
नेटवर्क विस्तार
-
4G और भविष्य की 5G तैयारी
-
टेलीकॉम मॉडर्नाइजेशन
के लिए है।
निष्कर्ष भारत की टेलीकॉम रणनीति का अहम कदम
MTNL और BSNL का यह विलय सरकार की दीर्घकालिक टेलीकॉम रणनीति का हिस्सा है। इससे:
-
MTNL का बोझ BSNL द्वारा नियंत्रित होगा
-
कर्ज की समस्या सुलझेगी
-
BSNL को डिजिटल इंडिया मिशन में बड़ी भूमिका मिलेगी