फुल टाइम ट्रेडर
भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग कोई शॉर्टकट नहीं, बल्कि एक अत्यंत जटिल और जोखिम भरा प्रोसेस है।
सच्चाई 91% ट्रेडर लॉस करते हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 91% से ज्यादा लोग ट्रेडिंग में पैसा गंवाते हैं।
इसका मतलब ये है कि सिर्फ 9% लोग ही ट्रेडिंग में लगातार फायदे में रहते हैं।
सवाल उठता है
क्या आप खुद को उन 9 में से एक मानते हैं?
अगर नहीं, तो बिना सीखे सीधे फुल टाइम ट्रेडिंग की शुरुआत करना किसी आत्मघाती कदम से कम नहीं।
सही प्रक्रिया क्या होनी चाहिए?
स्टेप-बाय-स्टेप तरीका अपनाइए
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Investing से शुरुआत करें
दीर्घकालिक निवेश से मार्केट की समझ विकसित करें। -
Swing और Positional Trading में कदम रखें
यहाँ समय मिलता है सोचने का, इमोशंस को कंट्रोल करने का। -
Intraday में Stock Trading
जब अनुभव बढ़े, तब ही इस दिशा में आएं। -
Options या Futures में अंतिम कदम उठाएं
ये सबसे ज्यादा रिस्क वाले ट्रेडिंग प्रोडक्ट्स हैं — सीधा इनसे शुरुआत आत्मघाती है।
सोशल मीडिया बनाम रियलिटी
सोशल मीडिया पर कई Self-Proclaimed Trading Gurus आपको सपने बेचते हैं:
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“मैंने एक दिन में ₹1 लाख कमाया”
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“देखिए मेरी कार”
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“मेरे स्टूडेंट करोड़पति बन गए”
हकीकत?
ये सब सिर्फ महंगे कोर्स बेचने के लिए लालच का जाल है। उनका असली बिजनेस ट्रेडिंग नहीं, आपको कोर्स बेचना है।
इमोशन्स हैं सबसे बड़ा दुश्मन
ट्रेडिंग सिर्फ चार्ट्स का खेल नहीं, ये एक मनोवैज्ञानिक युद्ध है।
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लालच
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गुस्सा
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जल्दबाज़ी
ये सब ऐसे इमोशंस हैं जो आपके ट्रेडिंग डिसीजन को प्रभावित करते हैं और लॉस की ओर ले जाते हैं।
क्या फुल टाइम ट्रेडिंग संभव है?
संभव है — लेकिन एक शर्त पर
तब ही जब
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आपने पार्ट टाइम ट्रेडिंग से शुरुआत की हो
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आप स्विंग और पोजीशनल ट्रेडिंग में लगातार मुनाफे में हों
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आपने 2 साल का घरेलू खर्च अलग से बचा रखा हो
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आपने बाजार की गहराई से ट्रेनिंग ली हो (सिर्फ यूट्यूब नहीं, असली अनुभव)
तभी जाकर आप फुल टाइम ट्रेडिंग को एक करियर के तौर पर चुन सकते हैं।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग किस्मत नहीं, स्किल है।
बिना तैयारी के कूदना एक फाइनेंशियल सुसाइड है।
सोशल मीडिया पर दिखने वाली चकाचौंध से दूर रहिए और अपने दिमाग, अनुभव और अनुशासन से निर्णय लीजिए।
आप क्या सोचते हैं?
क्या आप फुल टाइम ट्रेडर बनना चाहते हैं?
कमेंट में बताइए आपकी तैयारी और अनुभव क्या है?