Sovereign Wealth Funds को टैक्स में राहत
भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए Sovereign Wealth Funds (SWFs) और Pension Funds को मिलने वाली टैक्स छूट की अवधि बढ़ा दी है। अब ये छूट 31 मार्च 2030 तक के लिए मान्य होगी।
यह फैसला Union Budget 2024-25 में घोषित किया गया था और अब Department of Revenue ने इसे आधिकारिक रूप से नोटिफाई कर दिया है।
टैक्स छूट का दायरा कौन-सी इनकम होगी टैक्स फ्री?
इस राहत के तहत इन तीन प्रमुख आय वर्गों को टैक्स से पूरी तरह छूट दी गई है
Dividend Income – भारत में निवेश से मिलने वाले लाभांश पर कोई टैक्स नहीं।
Interest Income – प्रोजेक्ट या कंपनियों में निवेश से प्राप्त ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री।
Long-Term Capital Gains – पूंजीगत लाभ पर भी टैक्स नहीं लगेगा, अगर निवेश पात्र परियोजनाओं में किया गया हो।
टैक्स छूट कब से है लागू?
सरकार ने यह टैक्स छूट FY 2020-21 से लागू की थी, Income Tax Act के Section 10(23FE) के तहत:
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छूट की पहली सीमा 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2024 तक
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बाद में बढ़ाया गया 31 मार्च 2025 तक
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अब नई सीमा 31 मार्च 2030 तक
इसका उद्देश्य विदेशी दीर्घकालिक निवेश को भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, टेलीकॉम, लॉजिस्टिक्स और एनर्जी जैसे सेक्टरों की ओर आकर्षित करना है।
Sovereign Wealth Funds (SWFs) क्या होते हैं?
Sovereign Wealth Funds वे निवेश फंड होते हैं जो किसी देश की सरकार द्वारा चलाए जाते हैं। ये फंड मुख्यतः:
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विदेशी मुद्रा भंडार
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ट्रेड सरप्लस
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प्राकृतिक संसाधनों (जैसे तेल) की आय
से बनाए जाते हैं।
प्रमुख उदाहरण
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Norway Government Pension Fund Global
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Abu Dhabi Investment Authority (ADIA)
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GIC और Temasek Holdings (Singapore)
Pension Funds क्या होते हैं?
Pension Funds वे निवेश फंड होते हैं जिनमें कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा रिटायरमेंट के लिए योगदान दिया जाता है। यह राशि दीर्घकालिक निवेश में लगाई जाती है जिससे पेंशन का भुगतान हो सके।
प्रमुख उदाहरण
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Canada Pension Plan Investment Board (CPPIB)
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अन्य वैश्विक पेंशन फंड्स जो भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस में रुचि रखते हैं।
इस कदम के क्या होंगे फायदे?
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भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में लंबी अवधि की विदेशी पूंजी आएगी।
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Foreign Institutional Investment (FII) में उछाल की संभावना।
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Telecom, Logistics, Renewable Energy जैसे क्षेत्रों को बड़ा बूस्ट।
निष्कर्ष
सरकार का यह फैसला भारत में दीर्घकालिक पूंजी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे न केवल विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश के बुनियादी ढांचे के विकास में भी गति आएगी। आने वाले वर्षों में यह नीति भारत को एक Global Investment Destination के रूप में स्थापित कर सकती है।