अदानी ग्रुप की वायर एंड केबल्स सेक्टर में एंट्री से बाजार में हलचल

अदानी ग्रुप वायर एंड केबल्स सेक्टर में एंट्री 

गौतम अदानी के नेतृत्व वाला अदानी ग्रुप अब वायर एंड केबल्स सेक्टर में भी उतर चुका है, जिससे बाजार में बड़ी हलचल देखी जा रही है। गुरुवार को पावर केबल और वायर कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अदानी ग्रुप का इस सेक्टर में प्रवेश माना जा रहा है।

अदानी ग्रुप वायर एंड केबल्स सेक्टर में एंट्री 

अनऑर्गनाइज्ड मार्केट में बड़े बदलाव की संभावना

अब तक वायर एंड केबल इंडस्ट्री में छोटी और अनऑर्गनाइज्ड कंपनियों का दबदबा रहा है। लेकिन अब अदानी ग्रुप और आदित्य बिरला ग्रुप के आने से इस इंडस्ट्री में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इन बड़े कॉरपोरेट समूहों की एंट्री के कारण सेक्टर में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, जिससे मौजूदा कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा।

अदानी का वायर सेक्टर में कदम – नई ज्वाइंट वेंचर कंपनी

अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड ने प्रणिता बेंचेज लिमिटेड के साथ मिलकर प्रणीता इकोकेबल्स लिमिटेड नामक एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई है।

इस कदम से अदानी ग्रुप सीधे वायर और केबल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है।

अदानी ग्रुप वायर एंड केबल्स सेक्टर में एंट्री 

बिरला ग्रुप की बड़ी योजना – 1800 करोड़ का निवेश

अदानी ग्रुप के अलावा, आदित्य बिरला ग्रुप ने भी इस इंडस्ट्री में प्रवेश की घोषणा कर दी है। अल्ट्राटेक सीमेंट ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अगले दो वर्षों में 1800 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।

इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा गुजरात में एक प्लांट स्थापित करने में लगाया जाएगा, जिससे यह साफ हो गया है कि बिरला ग्रुप भी इस मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने की तैयारी कर रहा है।

शेयर बाजार में गिरावट – पॉलीकैब, हैवेल्स, फिनोलेक्स केबल्स पर दबाव

अदानी और बिरला ग्रुप की एंट्री की खबर से ही शेयर बाजार में केबल सेक्टर के स्टॉक्स पर भारी दबाव देखा गया

कंपनी का नाम गिरावट का प्रभाव
पॉलीकैब इंडिया दबाव में
हैवेल्स इंडिया गिरावट दर्ज
फिनोलेक्स केबल्स कमजोर प्रदर्शन
KEI इंडस्ट्रीज भारी दबाव

क्या होगा आगे?

  1. मौजूदा कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी – पॉलीकैब, हैवेल्स, फिनोलेक्स जैसी कंपनियों को अपनी बाजार स्थिति बनाए रखने के लिए रणनीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।
  2. नए निवेश से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी – अदानी और बिरला ग्रुप के निवेश से केबल सेक्टर में उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार आ सकता है।
  3. शेयर बाजार में अस्थिरता – निकट भविष्य में इस सेक्टर के शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, क्योंकि निवेशक इस नए बदलाव को लेकर सतर्क हैं।

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