एशियन पेंट्स जैसे शेयरों पर बढ़ा दबाव
मिडल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने एक बार फिर दुनियाभर के शेयर बाजारों को झकझोर कर रख दिया है।
इजराइल और ईरान के बीच तनाव के चलते कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में तेज़ उछाल देखा जा रहा है, जिसका सीधा असर कई इंडस्ट्रीज़ पर पड़ रहा है — खासकर उन कंपनियों पर जो क्रूड डेरिवेटिव्स पर निर्भर हैं।
पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ी, मुनाफा घटा
हम बात कर रहे हैं एशियन पेंट्स जैसी कंपनियों की जो अपनी प्रोडक्शन प्रक्रिया में भारी मात्रा में क्रूड डेरिवेटिव्स जैसे:
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रेज़िन (Resin)
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सॉल्वेंट्स (Solvents)
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पिगमेंट्स (Pigments)
का उपयोग करती हैं।
जब क्रूड की कीमतें बढ़ती हैं, तो इन रॉ मटीरियल्स की लागत भी बढ़ जाती है — और यही कारण है कि कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर दबाव आने लगता है।
एशियन पेंट्स के शेयर पर दिखा असर
कभी “सदा बहार” माने जाने वाला ये स्टॉक, अब तेल की बढ़ती कीमतों और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण लगातार दबाव में है।
अवधि | रिटर्न |
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पिछले 1 साल में | 🔻 -21% गिरावट |
पिछले 2 साल में | 🔻 -31% गिरावट |
कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति
फ़ैक्टर | वैल्यू |
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मार्केट कैप | ₹2,18,755 करोड़ |
P/E रेश्यो | 59.65 |
बुक वैल्यू | ₹201.66 |
P/E रेश्यो अभी भी ऊँचा है, जिससे संकेत मिलता है कि स्टॉक अभी महँगा ट्रेड हो रहा है, बावजूद इसके कि कीमतों में गिरावट आई है।
निष्कर्ष
मिडल ईस्ट में बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर सिर्फ तेल की कीमतों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे सप्लाई चेन, इनपुट कॉस्ट और सेक्टोरल परफॉर्मेंस भी प्रभावित हो रहा है।
एशियन पेंट्स जैसी कंपनियां, जो क्रूड पर निर्भर हैं, उन्हें इस समय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, लंबी अवधि में यदि क्रूड कीमतें स्थिर होती हैं, तो ये कंपनियां फिर से रिकवरी की राह पकड़ सकती हैं।
निवेश सलाह नहीं
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।