Donald Trump का भारत पर 25% टैरिफ
1 अगस्त 2025 से अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा घोषित 25% आयात शुल्क और Penalty भारत से आने वाले सामानों पर लागू हो जाएगा। इस फैसले से वैश्विक व्यापार जगत में चिंता की लहर दौड़ गई है और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नया मोड़ आ गया है।
क्या यह स्थायी नीति है या दबाव की रणनीति?
निति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार के अनुसार, यह निर्णय अभी अंतिम नहीं माना जाना चाहिए।
“यह महज एक रणनीतिक धमकी हो सकती है, जिससे अमेरिका भारत से बेहतर व्यापार समझौता चाहता है।”
उनका मानना है कि यह टैरिफ स्ट्रक्चर एक अस्थायी negotiation tactic है।
Bilateral Trade Agreement पर चल रही बातचीत
-
जुलाई 2025 में Washington में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर पांचवें दौर की चर्चा हो चुकी है।
-
अब अगस्त के अंत में New Delhi में अगली बैठक प्रस्तावित है, जिसमें अमेरिका के शीर्ष Negotiators हिस्सा लेंगे।
यह स्थिति दर्शाती है कि अभी वार्ताएं जारी हैं और यह फैसला उन्हें प्रभावित कर सकता है।
Trump का बयान “देखते हैं क्या होता है…”
Trump ने पत्रकारों से कहा:
“हम भारत से बात कर रहे हैं, देखते हैं क्या होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि समझौता होता है या नहीं… लेकिन हफ्ते के अंत तक स्थिति स्पष्ट होगी।”
इस बयान से यह संकेत मिलते हैं कि यह फैसला permanent policy नहीं बल्कि एक pressure strategy हो सकती है।
टैरिफ तुलना भारत के मुकाबले अन्य देशों पर क्या दरें लागू हैं?
देश | टैरिफ दर (%) |
---|---|
European Union | 15% |
United Kingdom | 10% |
Indonesia | 19% |
Philippines | 20% |
Vietnam | 20% |
China | 30% |
Malaysia | 25% |
India | 25% |
Bangladesh | 37% |
Sri Lanka | 44% |
India पर लागू 25% टैरिफ Vietnam, UK और Indonesia जैसे देशों से अधिक है, हालांकि यह China, Bangladesh और Sri Lanka से कम है।
निष्कर्ष ट्रंप का फैसला – चेतावनी या परिवर्तन की शुरुआत?
Trump द्वारा लिया गया यह कदम केवल दबाव बनाने की नीति हो सकती है, लेकिन इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था, निर्यात और विदेशी निवेश पर स्पष्ट रूप से पड़ेगा।
भारत को अब दो मोर्चों पर काम करना होगा:
-
Trade Negotiations को आक्रामकता के बजाय रणनीति से संभालना
-
वैकल्पिक वैश्विक बाजारों की तलाश और मजबूत व्यापारिक नेटवर्क बनाना