नया टैरिफ प्लान 1 अगस्त

अमेरिका का नया टैरिफ प्लान 1 अगस्त से लागू होंगे

अमेरिका का नया टैरिफ प्लान 1 अगस्त से लागू होंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Reciprocal Tariff लागू करने की अंतिम तारीख को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त 2025 कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका और अन्य देशों के बीच Trade Agreements को अंतिम रूप देना है।

फिलहाल अमेरिका ने केवल United Kingdom और Vietnam के साथ औपचारिक व्यापार समझौते किए हैं।

 किन देशों पर लगेंगे नए Tariffs?

7 जुलाई, सोमवार को President Trump ने निम्न देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की

देश Tariff (%)
🇯🇵 Japan 25%
🇰🇷 South Korea 25%
🇿🇦 South Africa 30%
🇰🇿 Kazakhstan 25%
🇲🇾 Malaysia 25%
🇱🇦 Laos 40%
🇲🇲 Myanmar 40%

 ये सभी टैरिफ 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे।

नया टैरिफ प्लान 1 अगस्त

 12 और देशों को भेजे जाएंगे Tariff Notifications

White House की प्रेस सेक्रेटरी Karoline Leavitt ने बताया कि अमेरिका 12 अन्य देशों को भी जल्द औपचारिक टैरिफ नोटिफिकेशन भेजेगा।

यह प्रक्रिया Executive Letters के ज़रिए की जाएगी और सभी नोटिस Trump की सोशल मीडिया साइट – Truth Social पर सार्वजनिक किए जाएंगे, जैसे Japan और South Korea के केस में किया गया।

 Trump की रणनीति Tailor-Made Trade Deals

Trump प्रशासन की योजना है कि हर देश के साथ अलग-अलग व्यक्तिगत व्यापार समझौते (Tailor-made deals) किए जाएं। White House का कहना है कि:

“यदि किसी देश के साथ वार्ता में प्रगति नहीं होती, तो उन पर स्वचालित रूप से नए Tariff लगाए जाएंगे।”

Karoline Leavitt ने कहा:

“President अमेरिकी श्रमिकों और कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

 Scott Bessent का बड़ा बयान “अगले 48 घंटे बहुत अहम होंगे”

US Treasury Secretary – Scott Bessent ने इस नीति की पुष्टि करते हुए कहा:

“1 अगस्त से पहले सभी देशों को समझौता करने का पूरा मौका दिया जाएगा। हम अगले 48 घंटों में कई बड़ी घोषणाएं करने जा रहे हैं।”

उन्होंने CNBC के शो Squawk Box पर यह भी बताया कि आने वाले दिन व्यापार वार्ताओं को लेकर बेहद व्यस्त रहने वाले हैं।

 निष्कर्ष

Trump की Tariff नीति अब और अधिक आक्रामक और देश-विशिष्ट हो गई है।

  • UK और Vietnam जैसे देशों ने समझौता किया है।

  • बाकी देशों पर 25% से 40% तक Tariff 1 अगस्त से लागू होंगे।

  • भारत सहित कई अन्य देशों की प्रतिक्रिया और अगला कदम देखना दिलचस्प होगा।

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