डॉलर इंडेक्स क्या है? और भारतीय बाजार पर इसका प्रभाव

 डॉलर इंडेक्स क्या है? (DXY)

DXY (डॉलर इंडेक्स) एक वित्तीय मानक है, जो अमेरिकी डॉलर की ताकत को यूरो (EUR), जापानी येन (JPY), ब्रिटिश पाउंड (GBP), कनाडाई डॉलर (CAD), स्वीडिश क्रोना (SEK), और स्विस फ्रैंक (CHF) जैसी छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मापता है।

  • DXY में वृद्धि अमेरिकी डॉलर अन्य मुद्राओं के मुकाबले मजबूत होता है।
  • DXY में गिरावट अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है।

DXY डॉलर इंडेक्स क्या है?

DXY और भारतीय बाजार का कनेक्शन

1. भारतीय रुपये पर प्रभाव

  • DXY बढ़ने पर अमेरिकी डॉलर मजबूत और भारतीय रुपया कमजोर होता है।
  • कमजोर रुपये से आयात महंगा हो जाता है, जिससे महंगाई दर और व्यापार घाटा बढ़ता है।
  • कच्चे तेल जैसे प्रमुख आयातों की लागत बढ़ने से आर्थिक दबाव बढ़ता है।

2. विदेशी निवेश (FII) पर प्रभाव

  • DXY में वृद्धि के साथ, विदेशी निवेशक अमेरिकी बाजारों में निवेश करना अधिक सुरक्षित मानते हैं।
  • FII की निकासी से भारतीय शेयर बाजार (Sensex, Nifty) में गिरावट आती है।

3. कच्चे तेल और कमोडिटी बाजार पर प्रभाव

  • मजबूत डॉलर से कच्चे तेल की कीमतें वैश्विक स्तर पर गिरती हैं।
  • हालांकि, कमजोर रुपया भारतीय अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

4. भारतीय कंपनियों पर प्रभाव

  • निर्यातक कंपनियां (IT और फार्मा) डॉलर में भुगतान होने से मुनाफा बढ़ता है।
  • आयात-आधारित कंपनियां आयात की लागत बढ़ने से मुनाफे पर नकारात्मक असर।

DXY का भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव

DXY डॉलर इंडेक्स क्या है?

1. इक्विटी बाजार

  • DXY बढ़ने पर निवेशक जोखिम वाले बाजारों से पैसा निकालकर अमेरिकी डॉलर-आधारित संपत्तियों में लगाते हैं।
  • इसका परिणाम भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के रूप में सामने आता है।

2. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र

  • मजबूत डॉलर ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत देता है, जिससे उभरते बाजारों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है।
  • भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

DXY का हालिया प्रभाव (2023-24)

  • रुपया कमजोर हुआ, जिससे RBI को विदेशी मुद्रा भंडार से हस्तक्षेप करना पड़ा।
  • FII निकासी भारी विदेशी निवेश की निकासी ने शेयर बाजार को दबाव में ला दिया।
  • महंगाई कच्चे तेल की बढ़ती लागत ने महंगाई दर को बढ़ा दिया।

निष्कर्ष

DXY (डॉलर इंडेक्स) का भारतीय बाजार पर प्रभाव व्यापक है। यह रुपये की मजबूती या कमजोरी, शेयर बाजार की स्थिरता, और कंपनियों के मुनाफे को सीधे प्रभावित करता है।

  • भारत के लिए चुनौती डॉलर की ताकत से निपटने के लिए आयात नीति और निवेश रणनीतियों को मजबूत करना आवश्यक है।
  • निवेशकों के लिए DXY पर नजर रखना और उसकी गतिविधियों को समझना निवेश निर्णयों के लिए अनिवार्य है।

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