e-Vitara Electric SUV लॉन्च में देरी
e-Vitara की लॉन्चिंग पर संकट निवेशकों को झटका
देश की अग्रणी कार निर्माता Maruti Suzuki India की पहली इलेक्ट्रिक SUV e-Vitara को लेकर निवेशकों और ग्राहकों में काफी उत्साह था। लेकिन अब launch में देरी की खबर से बाजार में हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार, इस देरी की मुख्य वजह चीन द्वारा rare-earth magnets के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध को कड़ा करना है।
ये प्रतिबंध अमेरिका की टैरिफ नीति के जवाब में लगाए गए हैं, लेकिन इसके असर से भारत का इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
शेयर प्राइस पर असर निवेशकों में बेचैनी
इस खबर का सीधा असर Maruti के शेयरों पर दिखा।
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बुधवार को BSE पर शेयर 0.50% टूटकर ₹12,471.00 पर बंद हुआ।
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दिन के कारोबार में यह 1.09% गिरकर ₹12,397.85 तक पहुंच गया।
EV Production Target में कटौती FY26 लक्ष्य घटा
Rare-Earth Magnets की कमी के कारण Maruti Suzuki ने अपने FY26 के प्रोडक्शन लक्ष्य में कटौती की है:
लक्ष्य | पुराना | नया |
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FY26 टोटल EV प्रोडक्शन | 88,000 यूनिट | 67,000 यूनिट |
सितंबर 2025 तक | 26,500 यूनिट | 8,200 यूनिट |
कंपनी को उम्मीद है कि अक्टूबर से प्रोडक्शन में सुधार हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह संकट रणनीति के लिए एक बड़ी चुनौती है।
e-Vitara की रणनीति भारत से पहले जापान और यूरोप
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e-Vitara का पायलट प्रोडक्शन पहले से चालू है।
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कंपनी की योजना थी कि इसे जापान और यूरोप में पहले लॉन्च किया जाए और फिर भारत में।
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मौजूदा संकट ने इसकी go-to-market strategy को प्रभावित किया है।
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हालांकि, सूत्रों के अनुसार Maruti Suzuki की long-term EV roadmap में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
EV सेक्टर पर व्यापक असर Bajaj Auto और TVS भी प्रभावित
यह संकट सिर्फ Maruti Suzuki तक सीमित नहीं है।
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Bajaj Auto और TVS Motor जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी चेतावनी दी है कि अगले महीने से उनका EV प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है।
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यह समस्या पूरे भारतीय EV उद्योग के लिए एक सिस्टम लेवल अलार्म बन गई है।
China Dependency ग्लोबल मार्केट पर 90% कंट्रोल
Axis Securities के विश्लेषक श्रीधर कल्लनी के अनुसार:
“दुनिया की magnet supply chain का करीब 90% हिस्सा चीन के नियंत्रण में है।”
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चीन के विकल्प के तौर पर मलेशिया, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया को देखा जा रहा है,
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लेकिन वहां की cost और volume capacity भारत की जरूरतों को पूरी तरह नहीं संभाल सकती।
सरकारी प्रयास वैकल्पिक सप्लाई चेन पर काम शुरू
भारत सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए पहल शुरू कर दी है।
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Commerce Minister Piyush Goyal ने स्विट्जरलैंड के बर्न में कहा:
“भारत diplomatic engagement और alternate supply chain development के जरिए समाधान खोज रहा है।”
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Embassy-level talks चीन के अधिकारियों से शुरू हो गई हैं,
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और Commerce Ministry लगातार एक्टिव मोड में काम कर रही है।
निष्कर्ष EV में निवेश से पहले रखिए जानकारी और सतर्कता
Maruti Suzuki और अन्य ऑटो कंपनियों के लिए यह संकट शॉर्ट टर्म में चुनौती बन सकता है, लेकिन सरकार और इंडस्ट्री के प्रयास इसे मिड से लॉन्ग टर्म में स्थिरता दे सकते हैं। निवेशकों को अभी के हालात को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत है।