इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल कंपनियों को राहत

इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल कंपनियों को बड़ी राहत 

मोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) इंडस्ट्री के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। भारत में EV बैटरी और मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों पर आयात शुल्क हटा दिया गया है।

सरकार के इस कदम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल

वित्त मंत्री ने किया ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा:

“हम घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कच्चे माल पर शुल्क कम कर रहे हैं।”

उन्होंने संसद में वित्त विधेयक 2025 पारित होने से पहले यह घोषणा की।

किन उत्पादों पर मिली छूट?

सरकार के इस फैसले के तहत EV बैटरी और मोबाइल फोन निर्माण से जुड़े 63 उत्पादों पर आयात शुल्क हटा दिया गया है।

1. EV बैटरी निर्माण से जुड़े 35 उत्पादों पर छूट

  • लिथियम आयन सेल कंपोनेंट्स

  • बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम

  • एनोड और कैथोड मटेरियल

  • इलेक्ट्रोलाइट और सेपरेटर

2. मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 28 उत्पादों पर छूट

  • डिस्प्ले मॉड्यूल

  • कैमरा मॉड्यूल

  • प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB)

  • कनेक्टिविटी चिप्स और सेंसर

अमेरिकी टैरिफ का असर कम करने की रणनीति

इलेक्ट्रिक व्हीकल

सरकार का यह कदम अमेरिका के नए रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या है अमेरिका का नया टैरिफ?

  • 2 अप्रैल 2025 से अमेरिका $23 बिलियन (₹1.9 लाख करोड़) के भारतीय निर्यात पर शुल्क बढ़ाने की योजना बना रहा है।

  • इससे भारतीय उत्पादों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।

  • सरकार ने इस फैसले के जरिए भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को सशक्त बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने का प्रयास किया है।

डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को होगा फायदा

सरकार के इस फैसले से मेक इन इंडिया अभियान को नया बल मिलेगा।

इसके फायदे

घरेलू कंपनियों की लागत घटेगी।
EV बैटरी और मोबाइल फोन का प्रोडक्शन बढ़ेगा।
निर्यात क्षमता में इजाफा होगा।
भारत ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने की ओर बढ़ेगा।

निष्कर्ष

सरकार का यह कदम इंडस्ट्री के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है। EV बैटरी और मोबाइल कंपनियों को इससे लागत में कमी और मैन्युफैक्चरिंग में तेजी का फायदा मिलेगा।

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