Gold ETF vs Nifty 50
अगर आपने पिछले 10 सालों में Gold ETF और Nifty 50 दोनों में निवेश किया होता, तो गोल्ड ETF ने आपको ज्यादा मुनाफा दिया होता। जी हां, आंकड़ों के मुताबिक कई वर्षों में गोल्ड ने शेयर बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है।
किन वर्षों में Gold ETF ने मारी बाज़ी?
पिछले 10 वर्षों में खासकर 2016, 2018, 2019, 2020, 2022, 2024 और 2025 में गोल्ड ETF ने शानदार रिटर्न दिए हैं।
इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि गोल्ड ETF एक मजबूत long-term performer रहा है, खासकर जब बाजार में अनिश्चितता रही हो।
क्यों बढ़ी है Gold ETF में रुचि?
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बड़े बैंक और सरकारी संस्थान लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे डिमांड में इजाफा हुआ है।
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घरेलू निवेशक भी अब गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश मानने लगे हैं।
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इंडस्ट्रियल डिमांड भी गोल्ड की कीमतों को ऊपर ले जा रही है।
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जून 2025 में गोल्ड ETF में ₹2,080 करोड़ का नया निवेश आया, जो मई की तुलना में 600% अधिक है (मई में ₹291.91 करोड़)।
ब्याज दरों में कटौती से सोने को मिला सपोर्ट
US Federal Reserve के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने जुलाई में ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं।
इसका सीधा फायदा गोल्ड को मिलता है, क्योंकि:
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जब ब्याज दरें घटती हैं तो सोने की मांग बढ़ती है
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निवेशक सुरक्षित एसेट्स जैसे गोल्ड में पैसा लगाते हैं
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डॉलर कमजोर होता है तो गोल्ड की कीमत ऊपर जाती है
World Gold Council के अनुसार, 2025 में सोने की कीमत में अब तक 26% तक की वृद्धि हो चुकी है।
क्या आपके पोर्टफोलियो में Gold ETF है?
गोल्ड ETF न केवल inflation hedge करता है, बल्कि यह पोर्टफोलियो को diversify भी करता है।
यह खासतौर पर उन निवेशकों के लिए उपयोगी है जो:
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शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं
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लॉन्ग टर्म में wealth protect करना चाहते हैं
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टैक्स-efficient और liquid विकल्प चाहते हैं
निष्कर्ष Gold ETF एक Safe और Profitable विकल्प
Nifty 50 जहां बाजार के मूवमेंट पर निर्भर करता है, वहीं Gold ETF एक relatively कम जोखिम और स्थिर रिटर्न देने वाला विकल्प साबित हुआ है।
आज का सवाल
क्या आपने अपने पोर्टफोलियो में Gold ETF को शामिल किया है?
अगर नहीं, तो अब सही समय है सोचने का।