सरकार के दो बड़े फैसले OMCs को मुआवजा और PM Ujjwala Yojana में बदलाव

भारत सरकार ने हाल ही में दो अहम आर्थिक फैसले लिए हैं, जो LPG की कीमतों, तेल विपणन कंपनियों (OMCs) की वित्तीय स्थिति और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों पर सीधा असर डालेंगे। आइए जानते हैं इन फैसलों की पूरी डिटेल—


1. OMCs को LPG घाटे की भरपाई के लिए ₹30,000 करोड़ मुआवजा

सरकार ने तय किया है कि OMCs को LPG सिलेंडरों को लागत से कम कीमत पर बेचने से हुए घाटे की भरपाई की जाएगी। इसके तहत कैबिनेट ने ₹30,000 करोड़ के कैश कंपन्सेशन को मंजूरी दी है।

  • भुगतान का तरीका
    यह मुआवजा एक साथ नहीं, बल्कि 12 किस्तों में दिया जाएगा।
    • पहली किश्त: सितंबर-अक्टूबर 2025 में मिलने की संभावना।
    • FY 2026 OMCs को ₹15,000 करोड़ दिए जाएंगे।
    • FY 2027 बाकी ₹15,000 करोड़ बजट में शामिल होंगे, जिसे फरवरी 2026 में पेश किया जाएगा।
  • फिस्कल डेफिसिट पर असर
    अगर ₹30,000 करोड़ एक बार में दिए जाते, तो फिस्कल डेफिसिट पर लगभग 8 बेसिस पॉइंट्स का अतिरिक्त दबाव पड़ता। किश्तों में भुगतान से यह प्रभाव कम होगा।
    FY 2026 के लिए सरकार ने GDP के 4.4% का फिस्कल डेफिसिट टारगेट तय किया है।

2. PM उज्ज्वला योजना (PMUY) में बदलाव

सरकार ने PM उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या 12 से घटाकर 9 कर दी है। हालांकि, प्रति सिलेंडर ₹300 की सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

  • बजट आवंटन
    FY 2026 के लिए योजना का बजट आवंटन ₹12,060 करोड़ रखा गया है।
  • सिलेंडर का वजन
    हर सिलेंडर का वजन 14.2 किलोग्राम है।

3. LPG खपत में सुधार

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि PMUY लाभार्थियों की LPG खपत में लगातार सुधार हुआ है।

  • FY 2020 औसतन प्रति परिवार 3 रिफिल
  • FY 2025 बढ़कर 4.47 रिफिल हो गई।

निष्कर्ष

इन दोनों फैसलों से एक तरफ जहां OMCs की वित्तीय स्थिति को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिलेंडरों की संख्या में कटौती का सामना करना पड़ेगा। सरकार का मानना है कि इससे वित्तीय दबाव को नियंत्रित रखते हुए LPG की पहुंच और खपत में सुधार किया जा सकता है।

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