ग्रैंडफादरिंग क्या होता है ? शेयर बाजार में इसका मतलब और फायदे

ग्रैंडफादरिंग क्या होता है ?

शेयर बाजार में “ग्रैंडफादरिंग” का कॉन्सेप्ट मुख्य रूप से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) के संदर्भ में उपयोग होता है, जिसे भारत सरकार ने 2018 में लागू किया था। इसका उद्देश्य उन निवेशकों को राहत देना था जिन्होंने 31 जनवरी 2018 से पहले शेयरों में निवेश किया था, जब LTCG पर कोई टैक्स नहीं लगता था।

ग्रैंडफादरिंग का उद्देश्य

ग्रैंडफादरिंग क्या होता है ? शेयर बाजार में इसका मतलब और फायदे

ग्रैंडफादरिंग का मुख्य उद्देश्य पुराने निवेशकों को नए टैक्स नियमों या किसी अन्य कानूनी बदलाव के कारण नुकसान से बचाना है। यह पुराने नियमों के तहत किए गए निवेशों को नए नियमों के प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है, ताकि निवेशकों को अचानक हुए बदलावों से वित्तीय नुकसान न हो।

ग्रैंडफादरिंग का उदाहरण

मान लीजिए कि आपने 2015 में एक शेयर ₹50 में खरीदा था और 31 जनवरी 2018 को उस शेयर की कीमत ₹150 थी। अब अगर आप 2023 में उस शेयर को ₹250 में बेचते हैं, तो आपके कुल लाभ की गणना इस प्रकार होगी

कुल लाभ: ₹250 – ₹50 = ₹200

लेकिन, ग्रैंडफादरिंग नियम के तहत लाभ की गणना इस प्रकार होगी:

टैक्स योग्य लाभ: ₹250 – ₹150 = ₹100

इसलिए, आपको केवल ₹100 के लाभ पर टैक्स का भुगतान करना होगा, न कि पूरे ₹200 पर।

ग्रैंडफादरिंग के फायदे

ग्रैंडफादरिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पुराने निवेशकों को नए टैक्स नियमों के तहत राहत प्रदान करता है, जिससे उन्हें अपने निवेश पर कम टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि पुराने निवेशक किसी भी अचानक बदलाव से प्रभावित न हों और उन्हें वित्तीय स्थिरता मिले।

निष्कर्ष

ग्रैंडफादरिंग Concept निवेशकों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जिससे वे नए टैक्स कानूनों के कारण उत्पन्न होने वाली वित्तीय परेशानियों से बच सकते हैं। यह बाजार में स्थिरता बनाए रखने और निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने में मदद करता है, खासकर जब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स की बात आती है।

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