किन Sectors में करना चाहिए निवेश?
कोटक महिंद्रा एएमसी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO – Equity) हर्षा उपाध्याय का मानना है कि इस समय चल रहे global tariff war और geopolitical uncertainties के कारण बाजार में स्पष्ट दिशा का अभाव है।
“Short-term में यह स्थितियाँ बाजार के लिए अस्थिरता ला सकती हैं, लेकिन long-term निवेशकों को ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए,” – Harsha Upadhyaya
हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि traders के लिए यह global developments काफी मायने रखते हैं क्योंकि इससे short-term volatility बढ़ती है।
Domestic Economy पर भरोसा, Export Sectors में सतर्कता
Harsha Upadhyaya ने बताया कि उनका फोकस domestic demand-driven कंपनियों पर है। उनके पोर्टफोलियो में मुख्य रूप से ऐसी कंपनियाँ शामिल हैं जिनकी कमाई भारत से ही होती है।
भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिर है
Export-oriented कंपनियों में फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है
बैंकिंग, फाइनेंशियल्स, सीमेंट, पावर और टेलिकॉम सेक्टर में दिख रहा दम
उपाध्याय के अनुसार, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर मजबूत स्थिति में हैं और अच्छे निवेश अवसर प्रदान करते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने Cement, Power और Telecom सेक्टर को भी आकर्षक बताया।
केवल Export सेक्टर में उन्हें Chemical Sector ही फिलहाल निवेश के लायक नजर आता है।
Insurance Sector Selective Investment Approach जरूरी
Insurance सेक्टर को लेकर हर्षा उपाध्याय की राय है कि यह क्षेत्र अभी भी regulatory uncertainties से घिरा हुआ है। ऐसे में उन्होंने इस सेक्टर में बहुत सीमित और चुनिंदा निवेश करने की सलाह दी।
“अचानक कोई नया नियम पूरे सेक्टर की दिशा बदल सकता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।”
Aviation और Travel सेक्टर में लंबी अवधि के लिए उम्मीदें
Aviation और Tourism से जुड़े शेयरों को लेकर वे आशावादी हैं। उनका मानना है कि:
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आगामी बजट में tax benefits मिलने से इन सेक्टरों को सपोर्ट मिलेगा
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RBI की ब्याज दरों में कटौती से EMI कम होंगी, जिससे discretionary spending (यानी यात्रा, मनोरंजन आदि) में बढ़ोतरी हो सकती है
निष्कर्ष (Conclusion)
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Short-term Traders के लिए global news flow महत्वपूर्ण रहेगा
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Long-term Investors को घरेलू अर्थव्यवस्था पर भरोसा करते हुए सतर्क रूप से सेक्टर चयन करना चाहिए
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Banking, Cement, Power और Telecom सेक्टर इस समय आकर्षक स्थिति में हैं
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Export-Driven सेक्टर्स में फिलहाल सतर्कता आवश्यक है