IDBI Bank

IDBI Bank में हिस्सेदारी बिक्री अक्टूबर तक

IDBI Bank में हिस्सेदारी बिक्री अक्टूबर तक

सरकार और LIC द्वारा IDBI Bank में हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार इस ट्रांजैक्शन को अक्टूबर 2025 तक पूरा करने की योजना बना रही है।

 9 जुलाई को हुई बड़ी बैठक, SPA मसौदे पर बनी सहमति

9 जुलाई को Inter-Ministerial Group (IMG) की एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें Share Purchase Agreement (SPA) के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई।
SPA वह दस्तावेज होता है जो किसी हिस्सेदारी बिक्री की शर्तें, अधिग्रहण के बाद जिम्मेदारियां, regulatory approvals और liabilities तय करता है।

अब यह मसौदा Core Group of Secretaries on Disinvestment (CGD) और Group of Ministers (GoM) के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं।

अगले चरण Financial Bids और Single-Day Settlement

एक सीनियर अधिकारी ने बताया

“SPA की मंजूरी मिलते ही सरकार financial bids को आमंत्रित कर पाएगी, जिससे सौदे को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।”

दूसरे अधिकारी ने बताया कि जैसे ही कोई फाइनल बोलीदाता चुना जाएगा:

  • उसी दिन SPA पर हस्ताक्षर होंगे

  • शेयर सरकार से बोलीदाता को ट्रांसफर किए जाएंगे

  • और उसी दिन भुगतान भी पूरा हो जाएगा

यह प्रक्रिया single-day settlement मॉडल पर आधारित होगी।

IDBI Bank

 हिस्सेदारी की संरचना

धारक हिस्सेदारी (%)
भारत सरकार 30.48%
LIC 49.24%
कुल बिक्री 60.72%

LIC ने जनवरी 2019 में IDBI Bank में निवेश किया था, जिसके बाद RBI ने इसे Private Bank की श्रेणी में डाल दिया था, लेकिन नियंत्रण सरकार के पास ही रहा।

 अब तक क्यों रुकी थी प्रक्रिया?

IDBI Bank की हिस्सेदारी बिक्री नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित privatization policy का हिस्सा है। हालांकि regulatory approvals, buyer interest और market volatility के चलते यह प्रक्रिया कई बार टल चुकी थी।

लेकिन अब अधिकारियों का कहना है कि सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और अक्टूबर 2025 तक यह सौदा भारत के बैंकिंग सेक्टर का पहला बड़ा प्राइवेटाइजेशन सौदा बन सकता है।

 IDBI Bank के शेयरों में उछाल

दिनांक मूल्य (₹) प्रतिशत बदलाव
10 जुलाई 2025 ₹102.08 +2%
YTD प्रदर्शन ~32% की तेजी दर्शाता है निवेशकों का भरोसा

बाजार में यह तेजी इस डील को लेकर निवेशकों की सकारात्मक उम्मीदों को दर्शाती है।

निष्कर्ष क्या यह सौदा बनेगा मिसाल?

IDBI Bank की रणनीतिक बिक्री सरकार की Privatization Roadmap का एक बड़ा कदम हो सकता है। अगर यह प्रक्रिया अक्टूबर 2025 तक पूरी होती है, तो यह आने वाले समय में अन्य सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए एक टेम्पलेट और मिसाल बन सकती है।

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