भारत बनाएगा एक्सपोर्ट रिकॉर्ड
Commerce & Industry Minister पीयूष गोयल ने संकेत दिए हैं कि भारत इस वित्त वर्ष (FY2025) में $870 बिलियन से अधिक के निर्यात (Exports) के साथ नया रिकॉर्ड बना सकता है।
उन्होंने कहा कि FY2024 में भारत का कुल एक्सपोर्ट $825 बिलियन रहा था और वैश्विक चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है।
सेवाओं के निर्यात में 10% तक की वृद्धि की उम्मीद
पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार का फोकस अब उन क्षेत्रों पर है, जिनमें Value Addition और Labour-Intensive Output ज्यादा है। उन्होंने बताया:
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Goods Export में 5–6% की ग्रोथ संभावित है
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Services Export में 9–10% तक की ग्रोथ हो सकती है
Electronics, Engineering और Pharma जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत हो रही है।
Free Trade Agreements (FTAs) से मिल रहा है फायदा
भारत ने बीते कुछ वर्षों में UAE, UK, Australia और EFTA जैसे देशों के साथ Free Trade Agreements पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों का सीधा असर भारत के एक्सपोर्ट पर दिख रहा है:
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UAE को Services Export बीते 4 सालों में लगभग दोगुना हो गया है
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Australia को भारत का Export तीन गुना हो चुका है
अन्य देशों के साथ भी FTA को लेकर बातचीत जारी है।
UPA के FTA पर सवाल, समीक्षा की तैयारी
गोयल ने पिछली सरकार द्वारा किए गए कुछ FTAs की आलोचना की। उन्होंने कहा कि:
“Japan के साथ व्यापार में ठहराव आया है और ASEAN व South Korea जैसे समझौतों की पुनर्समीक्षा की जा सकती है।”
सरकार की नई रणनीति – बेहतर शर्तों वाले समझौतों और भारतीय उद्योग को लाभ दिलाना है।
चीन के साथ व्यापार में सावधानी बरतने की नीति
भारत ने RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) से बाहर रहना चुना, जो कि चीन के साथ व्यापार को लेकर एहतियात का हिस्सा है।
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गोयल ने चिंता जताई कि ASEAN route के जरिए Chinese Products भारत में घुस रहे हैं, जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है।
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सरकार का उद्देश्य है – खराब क्वालिटी वाले इंपोर्ट पर रोक, और लोकल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन।
भारत-चीन ट्रेड डेफिसिट घटा UPA बनाम NDA तुलना
गोयल ने बताया कि
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2025 में भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा $100 Billion है
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लेकिन यह घाटा UPA सरकार के समय के मुकाबले धीमी गति से बढ़ा है
2004–2014 के बीच यह घाटा 25 गुना बढ़ा था,
जबकि 2014–2024 में केवल 1.75 गुना।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब जो आयात हो रहा है, वह अधिकतर Raw Material और Capital Goods हैं, जो भारत की मैन्युफैक्चरिंग को मदद कर रहे हैं।
निष्कर्ष भारत की वैश्विक व्यापार में मजबूत होती स्थिति
सरकार की रणनीति, FTAs और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को सहयोग देने वाले निर्णय भारत को वैश्विक एक्सपोर्ट मार्केट में नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।
FY2025 में नया एक्सपोर्ट रिकॉर्ड भारत की आर्थिक स्थिरता और नीतिगत विज़न का प्रमाण है।