भारत–ब्रिटेन Free Trade Agreement
24 जुलाई 2025 को भारत और ब्रिटेन के बीच Free Trade Agreement (FTA) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर हो गए।
यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हुआ।
यह करार मूलत 6 मई को तय हुआ था और इसे अंतिम रूप देने में 3 महीने लगे।
प्रमुख मुद्दों पर बनी सहमति
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कानूनी निरीक्षण और
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Automobile Tariff में छूट जैसे मुद्दों पर दोनो देशों में समझौता हुआ।
PM Narendra Modi का बयान
“भारत और ब्रिटेन के रिश्ते अब ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। यह करार हमारी वर्षों की मेहनत का फल है। इससे हमारे Textiles, Footwear, Jewellery और Agriculture सेक्टर्स को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।”
भारतीय एक्सपोर्टर्स को क्या फायदा?
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99% Tariff Lines पर Duty समाप्त
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Textiles, Leather, Toys, Sports Goods, Jewellery और Marine Items के एक्सपोर्ट को मिलेगा बूस्ट
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लगभग 95% कृषि उत्पाद Zero Duty पर एक्सपोर्ट किए जा सकेंगे
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99% समुद्री उत्पादों (Marine Products) पर भी Zero Tariff मिलेगा
इससे किसानों और मछुआरों की आमदनी में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।
Commerce Minister Piyush Goyal ने कहा
“यह समझौता Indian Farmers और Exporters के लिए ऐतिहासिक है। भारतीय कृषि और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को UK में नया बाज़ार मिलेगा।”
UK PM Keir Starmer का बयान
“यह Brexit के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है। इससे वेतन, जीवन स्तर और नौकरियों में बढ़ोतरी होगी।”
ब्रिटेन को क्या मिला?
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ब्रिटिश Export Products पर भारत में औसत टैरिफ 15% से घटाकर 3%
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प्रमुख उत्पादों को मिलेगा लाभ
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Soft Drinks
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Cosmetics
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Cars
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Medical Devices
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Aerospace Parts
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British Whisky पर शुल्क 150% से घटकर 75% और अगले 10 वर्षों में घटकर 40% हो जाएगा।
FTA से आर्थिक लाभ और अनुमान
तथ्य | विवरण |
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द्विपक्षीय व्यापार वृद्धि | 💷 £25.5 Billion सालाना |
ब्रिटिश Export ग्रोथ | 🔼 60% तक अनुमानित |
द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि | 🔼 39% संभावित |
नौकरियों का निर्माण | हज़ारों नई नौकरियाँ (UK High Commission के अनुसार) |
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2022 Negotiation की शुरुआत UK PM Boris Johnson के समय
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2022 (Diwali) तक डील का वादा — पर पूरा न हो सका
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2024 भारत और UK में नए चुनावों से बातचीत रुकी
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2025 Modi फिर भारत के PM बने, UK में Labour Party सत्ता में — और FTA फाइनल हुआ
निष्कर्ष (Conclusion)
यह भारत–ब्रिटेन FTA न सिर्फ व्यापार और निवेश के अवसर बढ़ाएगा बल्कि किसानों, मछुआरों, एक्सपोर्टर्स और आम उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ देगा। यह करार दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।