भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 10 लाख करोड़ का नुकसान

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1.45% और निफ्टी 1.5% टूट गया, जिससे लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सभी प्रमुख सेक्टर्स में बिकवाली का दबाव देखने को मिला, खासकर बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट रही।

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

भारतीय बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

1. अमेरिका द्वारा स्टील-एल्युमिनियम टैरिफ बढ़ाया गया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की। इस कदम से भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका में निर्यात महंगा हो जाएगा, जिससे बाजार में नकारात्मक असर पड़ा।

2. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल का बयान

  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल जल्द ही टैरिफ और मुद्रास्फीति को लेकर बयान देने वाले हैं।
  • निवेशक इस बयान से पहले सतर्कता बरत रहे हैं और बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में कमजोरी बनी हुई है।

3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

  • विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं।
  • इससे रुपये पर भी दबाव बना है और बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है।

4. अमेरिका की बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी

  • अमेरिका में 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.495% और 2-वर्षीय यील्ड 4.21% हो गई है।
  • इससे वैश्विक निवेशक अमेरिका की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार में गिरावट आ रही है।

बाजार में गिरावट से किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?

भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट 

 सबसे ज्यादा गिरने वाले सेक्टर्स

  1. बैंकिंग सेक्टर बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली हुई।
  2. आईटी सेक्टर डॉलर मजबूत होने से आईटी कंपनियों पर दबाव बढ़ा।
  3. ऑटो सेक्टर घरेलू बिक्री में सुस्ती के कारण गिरावट आई।

निवेशकों के लिए क्या करें?

  • शॉर्ट-टर्म निवेशक गिरावट के दौरान ट्रेडिंग से बचें, वोलैटिलिटी बनी रह सकती है।
  • लॉन्ग-टर्म निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में गिरावट पर निवेश करने का अवसर देखें।
  • बाजार पर नजर बनाए रखें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और वैश्विक बाजारों के रुझान को देखते हुए रणनीति बनाएं।

नोट शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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