भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ ट्रेडिंग सेशन्स से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है। यह गिरावट केवल घरेलू कारणों की वजह से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रभावों के कारण भी देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं इस गिरावट के मुख्य कारण
1. अमेरिकी टैरिफ अनाउंसमेंट से बढ़ी चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय और ग्लोबल बाजारों पर नए टैरिफ की घोषणा ने निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
इस खबर के बाद से विदेशी निवेशकों में भय फैल गया है कि भारत पर अतिरिक्त टैक्स लगाया जा सकता है।
2. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
पिछले 10 ट्रेडिंग सेशंस में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से लगभग ₹30,000 करोड़ की पूंजी निकाली है।
इससे स्पष्ट है कि ग्लोबल पॉलिसी और व्यापार युद्ध की आशंका विदेशी निवेशकों के भरोसे को कमजोर कर रही है।

3. कमजोर कॉर्पोरेट अर्निंग्स
चालू कॉर्पोरेट अर्निंग सीजन में अधिकांश कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे हैं।
निवेशकों को ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आर्थिक सुधार की गति धीमी हो रही है।
4. इंडेक्स फ्यूचर्स में भारी शॉर्ट पोजीशन
वर्तमान में FII का Long-to-Short Ratio सिर्फ 0.11 पर पहुंच गया है, जो अत्यधिक ओवरसोल्ड स्तर को दर्शाता है।
इसका मतलब है कि कुल FII पोजीशन में से लगभग 90% शॉर्ट साइड में हैं, जो निकट भविष्य में बाजार में अस्थिरता और बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष
इन सभी फैक्टर्स — अमेरिकी टैरिफ का डर, FII की बिकवाली, कमजोर अर्निंग्स और इंडेक्स फ्यूचर्स में भारी शॉर्टिंग — ने मिलकर भारतीय शेयर बाजार को दबाव में ला दिया है।
निवेशकों को फिलहाल सावधानी से कदम रखने और किसी भी निवेश से पहले मार्केट ट्रेंड और मैक्रो फैक्टर्स को समझने की सलाह दी जाती है।