भारत का डिफेंस बजट पूरी तरह पर्याप्त सरकारी सूत्रों की पुष्टि
Operation Sindoor के बाद रक्षा तंत्र को और मज़बूत करने की पहल
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए Operation Sindoor के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश की डिफेंस क्षमताओं को और सशक्त बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस सिलसिले में सरकारी सूत्रों ने भरोसा दिलाया है कि रक्षा बजट पूरी तरह से पर्याप्त है और भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं।
अटकलों पर विराम डिफेंस बजट में अतिरिक्त आवंटन की ज़रूरत नहीं
हाल के दिनों में ऐसी चर्चा थी कि केंद्र सरकार को डिफेंस सेक्टर में अतिरिक्त फंडिंग की ज़रूरत पड़ सकती है। लेकिन अब सरकारी सूत्रों के हवाले से स्पष्ट किया गया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार के विचार में नहीं है। मौजूदा बजट ही वर्तमान और आगामी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।
CNBC आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी की रिपोर्ट
CNBC Awaaz के वरिष्ठ पत्रकार आलोक प्रियदर्शी के अनुसार, सरकार को डिफेंस फंडिंग को लेकर कोई चिंता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, यह बजट केवल चालू अभियानों के लिए ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा जरूरतों के लिए भी पर्याप्त है।
डिफेंस सेक्टर के शेयरों का हाल
डिफेंस बजट को लेकर स्पष्टता आने के बाद आज के शेयर बाजार में रक्षा कंपनियों के शेयरों में मिला-जुला रुख देखने को मिला:
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Hindustan Aeronautics Ltd (HAL): 1% से अधिक की गिरावट
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Cochin Shipyard, Mazagon Dock, BEL, Garden Reach Shipbuilders: 0.5% से 1.5% तक की तेजी
यह संकेत देता है कि निवेशकों का भरोसा अब स्थिर और दीर्घकालिक सरकारी दृष्टिकोण पर टिका है।
अर्थव्यवस्था और राजकोषीय स्थिति पर सरकार का रुख
सरकारी सूत्रों के अनुसार
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इस वर्ष अच्छे मॉनसून से GDP ग्रोथ को समर्थन मिलेगा।
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रेवेन्यू कलेक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
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सरकार fiscal deficit के बजट लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
IndusInd Bank मामले पर सरकार की सफाई
IndusInd Bank से जुड़े विवाद पर सरकार ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा है कि:
“इस मामले में सरकार की कोई सीधी भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह रेगुलेटर के अधिकार क्षेत्र में है और संबंधित संस्थाएं इस पर नजर बनाए हुए हैं।”
क्रिप्टोकरेंसी पर वैश्विक सहयोग की वकालत
क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार ने दो टूक कहा है कि
“क्रिप्टो करेंसी जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को कोई भी देश अकेले रेगुलेट नहीं कर सकता। इसके लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग जरूरी है। भारत इस दिशा में अन्य देशों के साथ सक्रिय संवाद कर रहा है।”
निष्कर्ष रक्षा, अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी पर संतुलित दृष्टिकोण
सरकार की हालिया प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और वैश्विक टेक्नोलॉजिकल प्रगति को लेकर पूरी तरह सजग है। डिफेंस बजट को लेकर उठी आशंकाओं को नकारते हुए सरकार ने निवेशकों और नागरिकों दोनों को आश्वस्त किया है।