इंडस टावर के शेयरों में भारी गिरावट
शुक्रवार को इंडस टावर के शेयरों में 5% की जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, और यह स्टॉक 345 रुपये पर बंद हुआ। इस गिरावट के पीछे कई फंडामेंटल और ऑपरेशनल फैक्टर्स जिम्मेदार रहे हैं, जिसे ब्रोकरेज फर्मों ने अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है।
शेयर परफॉर्मेंस और वैल्यूएशन
- शुक्रवार को स्टॉक 5% टूटकर 345 रुपये पर बंद हुआ।
- पिछले 1 साल में 19% की गिरावट, लेकिन
- 2 साल में 100% की तेजी देखने को मिली है।
- मार्केट कैप ₹91,000 करोड़
- P/E रेशो 9
- बुक वैल्यू ₹129

तिमाही नतीजे कमजोर, खर्च में बढ़ोतरी
ब्रोकरेज फर्म BNP Paribas की रिपोर्ट के अनुसार,
- FY26 की पहली तिमाही में EBITDA और किराये की आय उम्मीद से 1% कम रही।
- मेंटेनेंस कैपेक्स यानी रखरखाव में खर्च ज्यादा रहा।
- कंपनी ने 1,737 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जिसमें 9.8% सालाना गिरावट हुई।
- ये गिरावट बिजली, ईंधन, कर्मचारी और मरम्मत लागत में बढ़ोतरी के कारण आई।
- यह नुकसान Vi (Vodafone Idea) से जुड़े 88 करोड़ के प्रोविजन रिवर्सल के बावजूद रहा।
ब्रोकरेज व्यू और ग्रोथ आउटलुक
BNP ने कंपनी की कैश पॉलिसी पर निराशा जताई है।
- FY26 में टावरों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
- प्राप्तियों (receivables) का मुद्दा काफी हद तक सुलझ चुका है।
- फिर भी, FY26-28 के लिए EPS अनुमान में 2-3% की कटौती की गई है।
- फर्म ने कहा, “Indus Towers अब कम से मिड ग्रोथ वाला बिजनेस बना रहेगा।“
निष्कर्ष
इंडस टावर के शेयरों में आई इस गिरावट का कारण केवल कमजोर तिमाही नतीजे नहीं बल्कि बढ़ती लागत, ऑपरेशनल चुनौतियां और ब्रोकरेज के डाउनवर्ड आउटलुक भी हैं।
निवेशकों के लिए सलाह है कि इस स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी की कैश पॉलिसी, लागत मैनेजमेंट और क्लाइंट रिस्क को ध्यान में रखें।