IndusInd Bank Derivative Accounting घोटाला
मुंबई, 27 मई 2025
IndusInd Bank के पूर्व शीर्ष अधिकारियों पर Derivative Accounting में गंभीर चूक (Lapses) की जानकारी छुपाने और Insider Trading में लिप्त होने के आरोप लगे हैं। SEBI की अंतरिम जांच में सामने आया है कि इन अधिकारियों को इस मामले की जानकारी मामले के सार्वजनिक होने से 18 महीने पहले ही थी, लेकिन उन्होंने इसे छुपाए रखा।
SEBI का Interim Order और कड़ी कार्रवाई
SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने 27 मई को इस मामले में एक Interim Order जारी किया, जिसके तहत बैंक के पूर्व MD & CEO सुमंत कथपालिया (Sumant Kathpalia) समेत कुल 5 वरिष्ठ अधिकारियों को शेयर बाजार में किसी भी तरह के लेनदेन से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
SEBI के आदेश के अनुसार, ये अधिकारी अगले निर्देश तक किसी भी Securities Transaction में भाग नहीं ले सकेंगे।
18 महीने तक छुपाई गई अहम जानकारी
SEBI की जांच में यह बात सामने आई कि IndusInd Bank को 26 सितंबर 2023 को ही Derivative Accounting में त्रुटियों की जानकारी मिल गई थी। यह जानकारी एक Internal Compliance Team को RBI के निर्देशों के बाद की गई समीक्षा में प्राप्त हुई थी।
फिर भी, बैंक प्रबंधन ने यह बात सार्वजनिक नहीं की और 10 मार्च 2025 तक कोई खुलासा नहीं किया – यानी करीब 18 महीने की देरी।
Internal Emails ने खोला राज़
SEBI ने बताया कि बैंक के CFO अरुण खुराना ने नवंबर 2023 में तत्कालीन CEO सुमंत कथपालिया को ईमेल भेजकर इन चूकों की जानकारी दी थी। बाद में
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21 नवंबर 2023
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30 मई 2024
को दो Reminder Emails भेजे गए। इनमें बताया गया कि इन चूकों के चलते बैंक के खातों में ₹1,749.98 करोड़ तक का असर पड़ा।
Insider Trading के गंभीर आरोप
SEBI का आरोप है कि जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उन्होंने Price Sensitive Information रखते हुए खुद के और दूसरों के हित में शेयर बेचे। यह Insider Trading के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
आरोपित अधिकारी
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Sumant Kathpalia (Former MD & CEO)
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Arun Khurana (Former Deputy CEO)
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Sushant Saurav (Treasury Head)
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Rohan Jathana (GMG Operations Head)
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Anil Marko Rao
शेयर बिक्री का विवरण
अधिकारी का नाम | बेचे गए शेयरों की संख्या |
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Arun Khurana | 3,48,500 |
Sumant Kathpalia | 1,25,000 |
Sushant Saurav | 2,065 |
Rohan Jathana | 2,000 |
Anil Marko Rao | 1,000 |
21 दिनों में देना होगा जवाब
SEBI के Whole-Time Member कमलेश चंद्र वर्शनेय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सभी आरोपित अधिकारियों को 21 दिनों के भीतर अपनी सफाई या आपत्ति दर्ज करनी होगी। वे चाहें तो व्यक्तिगत सुनवाई (Personal Hearing) का भी विकल्प चुन सकते हैं।
निष्कर्ष
IndusInd Bank से जुड़ा यह Accounting Scandal कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। SEBI की कार्रवाई दर्शाती है कि वह Price Sensitive Information के दुरुपयोग पर सख्ती से पेश आ रहा है। आगामी दिनों में बैंक और संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होती है, यह निवेशकों और बाजार के लिए महत्वपूर्ण होगा।