IndusInd Bank

IndusInd Bank के शेयरों में जबरदस्त तेजी, जानें वजह

IndusInd Bank में तेजी 

IndusInd Bank के शेयरों में 18 जून को तेज़ी से उछाल देखने को मिला। स्टॉक ₹841.25 के हाई तक पहुंचा, जो कि लगभग 4% की बढ़त दर्शाता है। यह उछाल Nomura की पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें बैंक की रेटिंग और टारगेट प्राइस दोनों बढ़ा दिए गए।

Nomura का नया रुख Neutral से Buy

विश्लेषण पहले अब
Rating Neutral Buy
Target Price ₹700 ₹1,050

 नई टारगेट प्राइस के अनुसार, ₹810.30 की क्लोजिंग के मुकाबले लगभग 30% की और तेजी की गुंजाइश है।

IndusInd Bank

रेटिंग अपग्रेड के पीछे Nomura की मुख्य वजहें

  • Corporate Governance में सुधार के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता

  • नई Leadership की तलाश, जिससे भविष्य की स्थिरता बढ़ सकती है

  • FY26 से नई शुरुआत की रणनीति

  • RBI की सराहना, जिससे Regulatory Trust मजबूत हुआ है

  • Promoter Holding बढ़ाने की संभावित मंजूरी से निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है

बीते समय की चुनौतियाँ और समाधान

IndusInd Bank को बीते महीनों में Governance और Accounting मुद्दों के चलते आलोचना झेलनी पड़ी थी। लेकिन:

  • Provisioning में बढ़ोतरी

  • Book Cleanup के ज़रिए पारदर्शिता
    इन दोनों कदमों से बैंक की छवि में सुधार आया है।

RBL और Yes Bank से तुलना

Nomura ने इसे RBL (2021) और Yes Bank (2018) जैसी स्थिति से जोड़ा है — जब लीडरशिप बदलाव के चलते शेयरों पर दबाव बना, लेकिन मध्यम अवधि में रिकवरी देखी गई।

Fundamentals मजबूत Capital और Liquidity

  • CET-1 Ratio 15.1%

  • Liquidity Coverage Ratio (LCR) 118%

  • Retail-Focused Model से संभावित तेज़ रिकवरी

IndusInd Bank

EPS, NII, और Profitability Outlook

  • FY27–28 EPS अनुमान 14–16% तक बढ़ाया

  • Net Interest Income (NII) रहने की उम्मीद

  • Credit Cost में गिरावट

  • RoA (Return on Assets) 0.8–1.1%

  • RoE (Return on Equity) 7–10%

SBI और BoB से बेहतर Outlook

Nomura के अनुसार, IndusInd Bank का प्रॉफिटेबिलिटी आउटलुक, SBI और Bank of Baroda जैसे बड़े बैंकों से बेहतर दिखाई देता है।

हालांकि, जोखिम भी मौजूद हैं

  • Accounting irregularities का पूर्ण खुलासा नहीं

  • Leadership change में संभावित देरी

निष्कर्ष

IndusInd Bank में मौजूदा तेजी सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि बड़े फंडामेंटल बदलावों का संकेत है। Nomura जैसे बड़े ब्रोकरेज की सकारात्मक रिपोर्ट और RBI की टिप्पणियाँ इसे और मज़बूती देती हैं। निवेशक अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, इसे मध्यम से दीर्घकालीन निवेश के रूप में देख सकते हैं – बशर्ते नीति और मैनेजमेंट का समर्थन बना रहे।

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