Infosys Layoffs मैसूर कैंपस में 400 ट्रेनीज की नौकरी गई

Infosys Layoffs मैसूर कैंपस में 400 ट्रेनीज की नौकरी गई

देश की प्रमुख IT कंपनियों में से एक Infosys ने अपने मैसूर कैंपस में 400 ट्रेनीज को नौकरी से निकाल दिया है। कंपनी के अनुसार, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ये ट्रेनीज लगातार तीन प्रयासों के बाद भी अनिवार्य मूल्यांकन परीक्षा (Evaluation Test) पास नहीं कर सके

भर्ती के लिए लंबा इंतजार, फिर अचानक छंटनी

Infosys Layoffs

जानकारी के मुताबिक, इन ट्रेनीज को ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद नौकरी दी गई थी। कोरोना महामारी और macroeconomic slowdown के कारण IT कंपनियों को अपने क्लाइंट्स से नए प्रोजेक्ट मिलने में देरी हो रही थी, जिसके चलते जॉइनिंग को स्थगित किया गया था। लेकिन अब जब हालात सामान्य होने लगे, तो अचानक इतनी बड़ी संख्या में छंटनी कर दी गई।

ट्रेनीज के गंभीर आरोप “हमें असफल होने के लिए मजबूर किया गया”

निकाले गए एक ट्रेनी ने Moneycontrol को बताया
“टेस्ट जानबूझकर बहुत कठिन बनाए गए थे, ताकि हमें निकालने का बहाना मिल सके। कई ट्रेनी मानसिक दबाव में आ गए, कुछ बेहोश तक हो गए, क्योंकि अब उनका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।”

Mutual Separation Letters पर साइन कराने का दबाव

सूत्रों के मुताबिक, ट्रेनीज को 50-50 के बैच में बुलाकर उनसे “Mutual Separation Letters” साइन कराए जा रहे हैं

  • कैंपस में बाउंसर और सिक्योरिटी पर्सनल तैनात कर दिए गए हैं।
  • ट्रेनीज को मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं दी जा रही
  • शाम 6 बजे तक कैंपस छोड़ने का आदेश दिया गया है।

Infosys Layoffs

NITES ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की

Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) ने इस मामले में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

NITES के अध्यक्ष Harpreet Singh Saluja ने कहा:
“हम सरकार से मांग करते हैं कि इस खुलेआम कॉरपोरेट शोषण को रोका जाए और भारतीय IT कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए।”

क्या IT सेक्टर में छंटनी का नया दौर शुरू हो चुका है?

Infosys का यह फैसला IT सेक्टर में एक नए छंटनी चक्र की शुरुआत का संकेत हो सकता है। पहले ही कई बड़ी कंपनियां बजट कटौती और ऑटोमेशन के चलते कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं। यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो नए जॉब सीकर्स और ट्रेनीज के लिए अवसर कम हो सकते हैं।

आगे क्या होगा? इस मामले पर सरकार और IT इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया देखने लायक होगी।

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