लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी क्या है और इसे कब उपयोग करें?

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी क्या है?

Long Strangle Strategy एक ऑप्शंस ट्रेडिंग रणनीति है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब ट्रेडर को उम्मीद होती है कि स्टॉक की कीमत में बड़ा उतार-चढ़ाव आएगा, लेकिन कीमत किस दिशा में जाएगी, इसका सटीक अनुमान नहीं होता। इस रणनीति में ट्रेडर एक ही एक्सपायरी के साथ अलग-अलग स्ट्राइक प्राइसेस पर दोनों प्रकार के ऑप्शंस (कॉल और पुट) खरीदता है।

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी के घटक

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी क्या है?

  1. कॉल ऑप्शन खरीदना
    ट्रेडर उच्च स्ट्राइक प्राइस पर कॉल ऑप्शन खरीदता है। अगर स्टॉक की कीमत इस स्ट्राइक प्राइस से ऊपर जाती है, तो मुनाफा होने की संभावना होती है।

  2. पुट ऑप्शन खरीदना
    ट्रेडर निचले स्ट्राइक प्राइस पर पुट ऑप्शन भी खरीदता है। अगर स्टॉक की कीमत इस स्ट्राइक प्राइस से नीचे जाती है, तो भी मुनाफा मिल सकता है।

इसका उद्देश्य यह है कि स्टॉक की कीमत में बड़ा मूवमेंट, चाहे ऊपर हो या नीचे, ट्रेडर को लाभ दे सके।

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी कितनी काम करती है

उदाहरण के लिए, मान लें कि किसी स्टॉक का वर्तमान मूल्य ₹1000 है। एक ट्रेडर Long Strangle Strategy के तहत:

  • ₹1050 का कॉल ऑप्शन खरीदता है।
  • ₹950 का पुट ऑप्शन खरीदता है।

इस स्थिति में

  • अगर स्टॉक की कीमत ₹1050 से ऊपर जाती है, तो कॉल ऑप्शन पर लाभ मिलेगा।
  • अगर स्टॉक की कीमत ₹950 से नीचे जाती है, तो पुट ऑप्शन पर लाभ होगा।

लाभ तभी होता है जब स्टॉक की कीमत इन स्ट्राइक प्राइसेस से काफी ऊपर या नीचे जाए ताकि एक ऑप्शन का लाभ प्रीमियम खर्च को कवर कर सके।

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी के लाभ

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी क्या है?

  1. बड़े मूवमेंट का लाभ
    अगर स्टॉक में तेजी या गिरावट होती है, तो इस रणनीति से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

  2. सीमित रिस्क
    इस रणनीति में अधिकतम नुकसान सिर्फ ऑप्शंस पर दिए गए प्रीमियम तक ही सीमित होता है। अगर स्टॉक में बहुत ज्यादा मूवमेंट नहीं होता, तो नुकसान सिर्फ दोनों ऑप्शंस के प्रीमियम का योग होगा।

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी के जोखिम

लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी क्या है?

  1. उच्च प्रीमियम लागत
    दोनों कॉल और पुट ऑप्शंस को खरीदने से प्रीमियम खर्च अधिक होता है।

  2. थोड़े मूवमेंट में नुकसान
    अगर स्टॉक की कीमत दोनों स्ट्राइक प्राइसेस के बीच रहती है, तो दोनों ऑप्शंस बेकार हो सकते हैं और पूरा प्रीमियम खोने की संभावना होती है।

कब उपयोग करें लॉन्ग स्ट्रांगल स्ट्रेटेजी

इस रणनीति का उपयोग तब किया जाता है जब

  • ट्रेडर को लगता है कि स्टॉक या बाजार में बड़ा मूवमेंट होगा।
  • महत्वपूर्ण समाचार, जैसे कि कमाई रिपोर्ट, केंद्रीय बैंक का फैसला, या अन्य महत्वपूर्ण इवेंट होने वाला हो।
  • ट्रेडर को दिशा का सही अंदाजा नहीं होता, लेकिन बड़ा मूवमेंट अपेक्षित होता है।

Conclusion

Long Strangle Strategy एक प्रभावी रणनीति है जब बड़े मूवमेंट की संभावना हो लेकिन दिशा का अनुमान न हो। यह रणनीति सीमित रिस्क और असीमित संभावित लाभ प्रदान करती है। इसका उपयोग तभी करना चाहिए जब ट्रेडर को बड़े उतार-चढ़ाव की संभावना हो।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top