GM Breweries और Sula Vineyards के शेयरों में उछाल
महाराष्ट्र सरकार ने grain-based Maharashtra Made Liquor (MML) के लिए एक नई कैटेगरी शुरू की है, जिसे सिर्फ राज्य के स्थानीय निर्माता ही बना सकेंगे।
इस पॉलिसी का सीधा फायदा G M Breweries Ltd और Sula Vineyards Ltd जैसी कंपनियों को मिला है।
अब इन नई MML ब्रांड्स को लॉन्च करने के लिए नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अपनानी होगी।
कंपनियों के शेयरों पर असर किसे मिला फायदा, कौन हुआ नुकसान
कंपनी का नाम | बदलाव (%) | बंद भाव (₹) | कारण |
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G M Breweries Ltd | 🔼 +18.05% | ₹846.00 | नई MML नीति का सीधा फायदा |
Sula Vineyards Ltd | 🔼 +12.07% | ₹332.85 | लोकल वाइन प्रोडक्शन को सपोर्ट |
Som Distilleries | 🔼 +3.93% | ₹158.59 | सेक्टर वाइड सेंटिमेंट |
United Breweries Ltd | 🔼 +1.5% | ₹2,096.15 | प्रॉडक्शन स्केल का फायदा |
Tilaknagar Industries | 🔽 -1.92% | ₹353.20 | मार्जिन दबाव |
Radico Khaitan Ltd | 🔽 -1.41% | ₹2,616.50 | ड्यूटी इफेक्ट |
United Spirits Ltd | 🔽 -6.42% | ₹1,507.00 | एक्साइज ड्यूटी हाइक का दबाव |
Excise Duty में बड़ा बदलाव IMFL और देशी शराब दोनों पर असर
PTI रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने Indian Made Foreign Liquor (IMFL) और देशी शराब पर Excise Duty में बढ़ोतरी की है
IMFL (विदेशी ब्रांड)
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एक्साइज ड्यूटी 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दी गई है।
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अधिकतम सीमा ₹260 प्रति bulk litre तय की गई है।
Country Liquor (देशी शराब)
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ड्यूटी ₹180 से बढ़ाकर ₹205 प्रति proof litre कर दी गई है।
क्यों फायदा में है G M Breweries और Sula Vineyards?
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नई MML कैटेगरी सिर्फ लोकल ब्रांड्स के लिए – बाहरी प्रतिस्पर्धा में कमी
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Market Share बढ़ने की उम्मीद – नई रजिस्ट्रेशन से मौजूदा कंपनियों की स्थिति मजबूत
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Excise Duty बढ़ने से Premium Segment की ओर शिफ्ट – Local, Affordable Options को डिमांड मिलेगी
निष्कर्ष
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महाराष्ट्र सरकार की नई पॉलिसी से स्थानीय शराब कंपनियों को बड़ा सपोर्ट मिल रहा है।
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G M Breweries और Sula Vineyards जैसी कंपनियां इस मौके का फायदा उठाकर अपने सेगमेंट में लीडर बन सकती हैं।
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दूसरी ओर, IMFL उत्पादकों को मार्जिन दबाव और उच्च टैक्सेशन का सामना करना पड़ सकता है।