Paytm के शेयर में भारी गिरावट
Paytm की पेरेंट कंपनी One97 Communications के शेयरों में मंगलवार को जबरदस्त गिरावट देखी गई। कंपनी का स्टॉक दिनभर के कारोबार में 10% तक टूटा, और अंत में BSE पर ₹901.30 पर बंद हुआ, जो 6.13% की गिरावट को दर्शाता है।
इस गिरावट के पीछे कारण बना वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई स्पष्टता — जिसमें बताया गया कि UPI लेन-देन पर MDR लागू करने की कोई योजना नहीं है।
शेयर प्राइस मूवमेंट
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Intraday High ₹897
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Intraday Low ₹867.20
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Close Price ₹882.30
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Nifty Midcap 100 में Day का Top Loser
1 साल की कीमत इतिहास
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52-Week Low ₹376.85 (12 जून 2024)
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52-Week High ₹1,063 (17 दिसंबर 2024)
क्यों दी गई वित्त मंत्रालय की सफाई?
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सरकार ₹3,000 से ऊपर के UPI ट्रांजेक्शन पर MDR (Merchant Discount Rate) लगाने की योजना बना रही है। इस खबर से Paytm के शेयरों में पहले तेजी आई थी, और वह ₹978 तक पहुंच गया था।
लेकिन 11 जून को, Finance Ministry ने X (पूर्व में Twitter) पर पोस्ट कर साफ किया:
“UPI लेन-देन पर MDR लागू करने की कोई योजना नहीं है। ऐसी सभी खबरें गलत, निराधार और भ्रामक हैं।”
हालांकि यह स्पष्टीकरण शेयर बाजार बंद होने के बाद आया, लेकिन अगले दिन इसका असर Paytm के स्टॉक पर दिखा।
MDR क्या होता है?
MDR (Merchant Discount Rate) वह फीस है जो व्यापारी बैंक और पेमेंट प्रोसेसर को डिजिटल लेन-देन की सुविधा के लिए देते हैं।
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पहले, कार्ड पेमेंट्स पर 1% तक MDR लिया जाता था
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2020 में सरकार ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह शुल्क माफ कर दिया था
Payment Council of India (PCI) का पक्ष
PCI ने 2024 की शुरुआत में सरकार से अपील की थी कि UPI पर Zero MDR Policy को खत्म किया जाए।
PCI के तर्क
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डिजिटल पेमेंट्स को सतत बनाए रखने में कठिनाई
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UPI Ecosystem को चलाने में सालाना ₹10,000 करोड़ का खर्च, लेकिन सरकार की सब्सिडी सीमित
PCI का प्रस्ताव
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सभी व्यापारियों पर RuPay Debit Cards पर MDR लागू किया जाए
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बड़े व्यापारियों पर UPI ट्रांजेक्शन पर 0.3% MDR लगाया जाए
निवेशकों के लिए क्या मायने?
वित्त मंत्रालय की सफाई ने बाजार की भावनाओं पर सीधा असर डाला है। भले ही सरकार ने अभी UPI पर MDR से इनकार किया हो, लेकिन यह मुद्दा निवेशकों और डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए एक संभावित जोखिम कारक बन गया है।
निवेशक अब यह देखेंगे कि
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सरकार डिजिटल पेमेंट कंपनियों को आर्थिक रूप से कैसे समर्थन देती है
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क्या भविष्य में नीतियों में बदलाव हो सकता है
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और इसका स्टॉक पर दीर्घकालिक असर क्या होगा