Pump and Dump क्या होता है?
Pump and Dump शेयर मार्केट की एक पुरानी लेकिन बेहद खतरनाक फ्रॉड स्कीम है, जिसे कुछ लोग जानबूझकर निवेशकों को फंसाने के लिए अंजाम देते हैं। इसमें किसी सस्ते और कम ट्रेड होने वाले शेयर (Penny Stock) की कीमत पहले कृत्रिम रूप से बढ़ाई जाती है (Pump), और फिर जब कीमत ऊँचाई पर पहुँच जाती है, तो उसे अचानक बेच दिया जाता है (Dump)।
इस प्रक्रिया में जो आम निवेशक अंत में शामिल होते हैं, उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
Pump and Dump कैसे काम करता है?
1. Pump (कीमत कृत्रिम रूप से बढ़ाना)
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स्कीम को अंजाम देने वाले लोग किसी ऐसे स्टॉक को चुनते हैं जो सस्ता हो और जिसमें ट्रेडिंग कम होती हो।
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फिर वे उस स्टॉक के बारे में झूठी या भ्रामक खबरें फैलाते हैं — जैसे कि कंपनी को कोई बड़ा प्रोजेक्ट मिलने वाला है, विदेशी निवेश आ रहा है, या कंपनी बहुत तेजी से ग्रो करेगी।
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यह गलत जानकारी सोशल मीडिया, Telegram/WhatsApp ग्रुप्स, ईमेल्स या नकली न्यूज पोर्टल्स के माध्यम से फैलाई जाती है।
2. Retail निवेशकों को आकर्षित करना
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जैसे ही ये फर्जी खबरें फैलती हैं, आम निवेशक उस शेयर को “मल्टीबैगर” समझकर खरीदना शुरू कर देते हैं।
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डिमांड बढ़ती है, और शेयर की कीमत तेजी से ऊपर जाने लगती है।
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इस फेज को ही “Pump” कहा जाता है।
3. Dump (ऊँचे दाम पर बेचकर भाग जाना)
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जब स्टॉक की कीमत कृत्रिम रूप से काफी बढ़ जाती है, तो धोखाधड़ी करने वाले लोग अपनी सारी होल्डिंग्स बेच देते हैं।
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इसके तुरंत बाद शेयर की कीमत गिरने लगती है और जो निवेशक बाद में जुड़े होते हैं, उन्हें भारी नुकसान होता है।
Pump and Dump से नुकसान क्यों होता है?
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ऐसी स्कीम में स्टॉक की वैल्यूएशन वास्तविक नहीं होती।
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कंपनी के मूलभूत आधार (Fundamentals) कमज़ोर होते हैं।
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लोग भावनाओं में बहकर और “जल्दी अमीर बनने” के चक्कर में बिना रिसर्च के निवेश कर बैठते हैं।
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शेयर का गिरना निश्चित होता है क्योंकि मूल्य artificially बढ़ाया गया होता है।
भारत में Pump and Dump गैरकानूनी है
SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने इस तरह की manipulative trading को अवैध घोषित किया है।
अगर कोई व्यक्ति या ग्रुप इस स्कीम में शामिल पाया जाता है, तो SEBI के तहत उन पर लग सकते हैं:
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भारी जुर्माने
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ट्रेडिंग बैन
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और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई या जेल
Pump and Dump से कैसे बचें?
ब्लाइंड फेथ से बचें
किसी भी स्टॉक टिप पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, खासकर जब वो अज्ञात सोर्स से आई हो।
सोशल मीडिया से सावधान रहें
Telegram या WhatsApp ग्रुप्स से मिली इनसाइडर टिप्स या “मल्टीबैगर” वादों से सतर्क रहें।
फाइनेंशियल एनालिसिस ज़रूरी है
स्टॉक में निवेश करने से पहले उसके फाइनेंशियल डेटा, प्रमोटर्स की छवि, और बिजनेस मॉडल को अच्छे से समझें।
अचानक बढ़ती कीमतों से हो जाएं सावधान
अगर किसी स्टॉक की कीमत अचानक और बिना किसी ठोस कारण के तेज़ी से बढ़ रही है, तो वहां लाल झंडी समझें।
निष्कर्ष समझदारी ही सबसे बड़ा हथियार है
Pump and Dump स्कीम का मकसद सिर्फ एक है — भोले-भाले निवेशकों को नुकसान पहुंचाना।
ऐसी चालों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है:
जागरूक बनें, जानकारी रखें, और भावनाओं में बहकर निवेश न करें।