RBI Monetary Policy रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI की मौद्रिक नीति बैठक (6 अगस्त 2025) रेपो रेट स्थिर, FY26 के लिए महंगाई अनुमान में कटौती

6 अगस्त 2025 को हुई RBI Monetary Policy Committee (MPC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा गया है और पॉलिसी स्टांस को “Neutral” बनाए रखा गया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।


Repo Rate क्या है और इसका क्या असर पड़ता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर कमर्शियल बैंक, RBI से शॉर्ट-टर्म लोन लेते हैं। इसका असर सीधे:

  • होम लोन
  • ऑटो लोन
  • पर्सनल लोन
  • और EMI दरों पर पड़ता है।

इस बार कोई बदलाव नहीं होने से आम ग्राहकों की EMI फिलहाल स्थिर रहेगी।


FY26 के लिए CPI Inflation अनुमान में कटौती

RBI ने FY2026 के लिए CPI (Consumer Price Index) महंगाई दर अनुमान को घटा दिया है:

तिमाहीनया अनुमानपिछला अनुमान
Q2 FY26 (सितंबर)2.1%3.7%
Q3 FY26 (दिसंबर)3.1%3.9%
Q4 FY26 (मार्च)4.4%कोई बदलाव नहीं
Q1 FY27 (जून)4.9%

कारण

  • सब्जियों और खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों में नरमी
  • फूड इनफ्लेशन कंट्रोल में

FY26 GDP Growth अनुमान 6.5% पर स्थिर

RBI ने भारत की FY2026 की GDP Growth को 6.5% पर बरकरार रखा है।
गवर्नर ने कहा कि

“डोमेस्टिक इकॉनमी हमारी उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन कर रही है, हालांकि मई-जून में कुछ हाई-फ्रीक्वेंसी संकेत मिले-जुले रहे।”


SIP के ज़रिए अब T-Bills में निवेश संभव

अब रिटेल निवेशकों के लिए RBI Retail Direct Platform पर Systematic Investment Plan (SIP) के माध्यम से Treasury Bills (T-Bills) में निवेश करने की सुविधा शुरू की जा रही है।

फायदा

  • Low Risk
  • Fixed Return
  • आसान निवेश विकल्प

Donald Trump के Tariff ने बढ़ाई चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा

  • भारतीय एक्सपोर्ट्स पर 25% टैरिफ की घोषणा
  • रूस से तेल खरीद पर सख्ती की चेतावनी

ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ाई है। RBI का कहना है कि:

“हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और फिलहाल किसी जल्दबाजी में कोई पॉलिसी फैसला नहीं लिया जाएगा।”


मृत खाताधारकों के Claim Settlement को लेकर नया Framework

अब बैंक और लॉकर के मामले में मृत खाताधारकों के परिजनों को Claim Settlement की प्रक्रिया और आसान व पारदर्शी बन जाएगी।

लाभ:

  • जल्दी निपटान
  • मानकीकृत प्रक्रिया
  • बेहतर ग्राहक अनुभव

सिस्टम में ₹3 लाख करोड़ की Liquidity Surplus

गवर्नर ने बताया कि वर्तमान में बैंकिंग सिस्टम में औसतन ₹3 लाख करोड़ की डेली लिक्विडिटी मौजूद है, जो कि मई-जून की ₹1.6 लाख करोड़ औसत से काफी ज्यादा है।

  • पिछली बैठक में 100 बेसिस पॉइंट्स CRR कटौती का भी असर दिख रहा है।

निष्कर्ष

RBI ने इस बार संतुलित नीति अपनाई है — न तो ब्याज दरों में बदलाव किया और न ही कोई आक्रामक स्टेप।
महंगाई पर नियंत्रण, ग्रोथ को बनाए रखना और निवेशकों को सुरक्षित विकल्प देना, इस बार के मुख्य फोकस रहे।

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