RBI की नीति में बदलाव से बाजार में तेजी
मौद्रिक नीति अपडेट (Monetary Policy Update)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 6 जून 2025 को repo rate में 50 basis points की कटौती की घोषणा की है। साथ ही, RBI ने अपना रुख “accommodative” से बदलकर “neutral” कर दिया है।
इसका मतलब है कि आने वाले समय में ब्याज दरों में और कटौती की संभावना सीमित हो सकती है।
Housing और Auto Sector को बड़ी राहत
ब्याज दरों में कटौती से होम लोन और ऑटो लोन सस्ते होंगे, जिससे:
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हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी
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ऑटो सेल्स को बल मिलेगा
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NBFCs और बैंकों के लोन ग्रोथ में सुधार होगा
सस्ते लोन से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, जो इकॉनमी के लिए सकारात्मक संकेत है।
CRR में कटौती बैंकों को लिक्विडिटी बूस्ट
RBI ने CRR (Cash Reserve Ratio) में भी 100bps की कटौती की घोषणा की है, जो 4 चरणों में लागू होगी:
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6 सितंबर
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4 अक्टूबर
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1 नवंबर
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29 नवंबर
इससे बैंकों के पास लोन देने के लिए और ज़्यादा फंड्स होंगे। इसका सीधा फायदा banking stocks को मिलेगा।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
RBI के इस फैसले से बाजार ने जबरदस्त उत्साह दिखाया। आज के मार्केट मूवमेंट
Index Name | बढ़त (%) |
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Nifty PSU Bank | 🔼 1.0% |
Nifty Realty Index | 🔼 2.0% |
Nifty Auto Index | 🔼 0.3% |
Bank Nifty | 🔼 मजबूती |
Nifty Private Bank | 🔼 मजबूती |
एक्सपर्ट व्यू क्या कहती है बाजार की रणनीति?
Vikas Gupta – CEO, Omniscience Capital
“अगर कटौती 25bps से अधिक होती है और रुख नरम होता है, तो बाज़ार में पॉजिटिव रिएक्शन और तेज़ी संभव है।”
उन्होंने Infrastructure Sector में निवेश की सलाह दी है, क्योंकि सस्ते लोन से Industrial Capex को बल मिलेगा।
V.R. Krishnan – Marcellus Investment Managers
“Rate cut से discretionary consumption को बूस्ट मिलेगा। भारत में ऑटो खरीद के ज़्यादातर मामले लोन से होते हैं, जिससे automobile sector को सीधा फायदा होगा।”
चुनौतियाँ Net Interest Margin पर दबाव
Krishnan का कहना है कि
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अधिकांश मॉर्गेज अब repo-linked हो चुके हैं, जिससे दरों में बदलाव तुरंत ग्राहकों तक पहुँचते हैं।
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लेकिन बैंक deposit rates को तुरंत नहीं घटा सकते, जिससे Net Interest Margin (NIM) पर दबाव बन सकता है।
निष्कर्ष निवेशकों के लिए क्या है मौका?
RBI की इस मौद्रिक नीति में दो प्रमुख बातें हैं
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Repo Rate कटौती से खर्च और कर्ज दोनों को बल मिला है।
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CRR कटौती से बैंकों को लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इन सेक्टर्स पर रखें नज़र
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Banking & NBFCs
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Housing Finance Companies
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Auto Makers
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Infrastructure & Capital Goods Companies