ट्रंप का नया टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल और गैस आयात करने वाले देशों पर 25% सेकेंडरी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह नया टैरिफ 2 अप्रैल से प्रभावी होगा, जिससे भारत, चीन और अन्य तेल आयातक देशों को अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है।
वेनेजुएला से तेल खरीदने पर कड़ा प्रतिबंध
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा कि वेनेजुएला से अमेरिका में हजारों प्रवासी आए, जो सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं। इसी कारण, ट्रंप ने वेनेजुएला से तेल और गैस का आयात करने वाले देशों पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है।
भारत पर असर ऊर्जा संकट गहराने की संभावना
तेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कच्चे तेल का बड़ा हिस्सा आयात करता है।
-
वेनेजुएला से भारत को भारी मात्रा में सस्ता कच्चा तेल मिलता है।
-
यदि भारत आयात जारी रखता है, तो अमेरिकी व्यापार पर 25% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
-
इससे भारतीय रिफाइनरियों की लागत में वृद्धि हो सकती है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि
-
उच्च आयात लागत का असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ेगा।
-
उपभोक्ताओं को महंगे ईंधन का सामना करना पड़ सकता है।
वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता
-
टैरिफ की घोषणा के बाद कच्चे तेल के वायदा भाव में 1.5% की तेजी आई।
-
यह दर्शाता है कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है।
-
भारत में महंगाई दर बढ़ने की संभावना है।
चीन और वेनेजुएला के संबंध भारत के लिए अवसर या चुनौती?
-
चीन, वेनेजुएला का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और उसने फरवरी में 503,000 बैरल/दिन तेल और ईंधन आयात किया।
-
यह वेनेजुएला के कुल निर्यात का 55% था।
-
यदि चीन पर भी यह टैरिफ लागू होता है, तो चीन आयात कम कर सकता है।
-
इससे भारत को अतिरिक्त तेल खरीदने का अवसर मिल सकता है, लेकिन बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा एक चुनौती हो सकती है।
ट्रंप की रणनीति और भारत की ऊर्जा नीति पर प्रभाव
-
ट्रंप ने यह कदम वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाने के लिए उठाया है।
-
अमेरिका ने वेनेजुएला में काम कर रही शेवरॉन को 30 दिनों के लिए लाइसेंस रद्द कर दिया है।
-
भारत को अपनी ऊर्जा रणनीति में बदलाव करना होगा
रूस, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों से समझौते करना
ऊर्जा आपूर्ति को विविधता देना
वैकल्पिक ईंधन स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना
भविष्य की रणनीति भारत को क्या करना चाहिए?
विविध आपूर्ति स्रोतों पर ध्यान देना होगा।
अमेरिकी नीतियों के प्रभाव को कम करने के लिए रणनीतिक साझेदारी बढ़ानी होगी।
ऊर्जा कीमतों की अस्थिरता से निपटने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों पर जोर देना होगा।
निष्कर्ष
-
ट्रंप का नया टैरिफ भारत के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
-
भारत को महंगे तेल की समस्या से निपटने के लिए ऊर्जा नीति में बदलाव करने होंगे।
-
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।