दुनियाभर की मार्केट में हाहाकार
सोमवार को ब्लैक मंडे, मंगलवार को थोड़ी राहत
भारतीय शेयर बाजार ने आज मंगलवार को थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन सोमवार का दिन निवेशकों के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ। दुनिया भर के बाजारों में 6% से 10% तक की भारी गिरावट दर्ज की गई थी। निवेशकों की पूंजी को गहरी चोट लगी और भय का माहौल बना रहा।
क्या है इस गिरावट की वजह?
इस भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह बनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीति – रिसिप्रोकल टैरिफ।
इस फैसले से वैश्विक व्यापार में तनाव और अनिश्चितता बढ़ गई है।
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अमेरिका ने अपने व्यापारिक भागीदारों पर कड़े टैरिफ लागू किए हैं।
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भारत समेत सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है।
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निवेशकों में घबराहट और बेचैनी का माहौल बना हुआ है।
अमेरिकी बाजार और मंदी का खतरा
“अगर अमेरिका को सर्दी लगती है, तो पूरी दुनिया को छींक आ जाती है।”
ये कहावत अब सच होती नजर आ रही है।
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Dow Jones में अब तक 23% की गिरावट हो चुकी है।
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US Dollar में भी कमजोरी देखने को मिली है, जिससे वैश्विक मुद्रास्फीति की आशंका बढ़ी है।
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जेपी मॉर्गन के अनुसार, अमेरिका में 60% तक मंदी आने की संभावना जताई गई है।
महंगाई बढ़ने से कंज्यूमर खर्च घटेगा, जिससे बिज़नेस प्रभावित होंगे और मंदी का चक्र शुरू हो सकता है।
भारत पर असर और बाजार की दिशा
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सोमवार को भारत में भी निफ्टी और सेंसेक्स में तेज गिरावट आई थी।
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हालांकि, मंगलवार को बाजार ने हल्की रिकवरी दिखाई, जो अस्थायी राहत मानी जा रही है।
निवेशकों को अब सिर्फ मार्केट ट्रेंड ही नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिकल और इकोनॉमिक नीतियों पर भी बारीकी से नजर रखनी होगी।
निवेशकों के लिए सलाह
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घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें।
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निवेश से पहले फंडामेंटल्स पर रिसर्च करें।
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हाई रिस्क स्टॉक्स से फिलहाल दूरी बनाएं।
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डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो अपनाएं।
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हर अफवाह पर तुरंत रिएक्ट न करें