Reliance Industries की कहानी
Reliance Industries Ltd. (RIL) आज भारत ही नहीं, बल्कि एशिया की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है। कंपनी का बिजनेस:
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एनर्जी
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पेट्रोकेमिकल्स
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टेलीकॉम (Jio)
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रिटेल (Reliance Retail)
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डिजिटल सर्विसेस
जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिग्गज कंपनी की शुरुआत एक छोटे से व्यापार से हुई थी?
शुरुआत 1960 में – मसाले और पॉलिएस्टर का व्यापार
Reliance की नींव 1960 में धीरूभाई अंबानी ने Reliance Commercial Corporation के रूप में रखी थी। शुरुआती दिनों में कंपनी मसाले और पॉलिएस्टर के यार्न का व्यापार करती थी।
इसके बाद कंपनी ने टेक्सटाइल सेक्टर में कदम रखा और 8 मई 1973 को नाम बदलकर Reliance Industries Limited कर दिया। टेक्सटाइल ब्रांड ‘Vimal’ घर-घर में मशहूर हो गया।
1977 में IPO और स्टॉक मार्केट में एंट्री
Reliance ने 1977 में ₹10 प्रति शेयर की कीमत पर IPO लाया और भारतीय शेयर बाजार में एंट्री ली। यह उस दौर की पहली निजी कंपनी थी, जिसने इतने बड़े पैमाने पर आम जनता से पूंजी जुटाई।
मल्टीबैगर रिटर्न और लीजेंड्री ग्रोथ
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1977 से अब तक कंपनी ने 15-20% की औसत सालाना ग्रोथ दी है।
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2003 से 2025 तक, Reliance Industries ने 5,200% से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
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कंपनी के शेयर कई बार Split और Bonus के रूप में जारी किए गए हैं ताकि रिटेल निवेशकों को फायदा हो।
आज की स्थिति
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मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹19 लाख करोड़ से अधिक
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रिटेल, जियो, पेट्रोकेम और ग्रीन एनर्जी में लगातार विस्तार
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2025 में भी Reliance भारत के आर्थिक विकास का सबसे मजबूत स्तंभ बना हुआ है।
क्यों प्रेरणादायक है Reliance की कहानी?
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एक छोटे व्यापारी से लेकर ग्लोबल लीडर बनने तक का सफर
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धीरूभाई अंबानी की दूरदर्शिता और मुकेश अंबानी की रणनीतिक नेतृत्व
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आम निवेशकों को करोड़पति बनाने वाला स्टॉक
निष्कर्ष
Reliance Industries की कहानी केवल एक कंपनी की सफलता नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक क्षमता और आम आदमी की भागीदारी की भी कहानी है।