SCSS पति या पत्नी की मृत्यु के बाद क्या करें?
SCSS यानी Senior Citizen Savings Scheme — वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक भरोसेमंद और गारंटीड इनकम योजना है। परंतु, अगर पति या पत्नी में से किसी एक का निधन हो जाता है, तो SCSS खाते को लेकर कुछ ज़रूरी नियम और प्रक्रिया होती है जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
1. मृत्यु के बाद SCSS खाता कैसे हैंडल करें?
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अगर पति और पत्नी के नाम पर अलग-अलग SCSS खाते हैं और किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति का खाता बंद करना अनिवार्य होता है।
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उदाहरण
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हसबैंड के नाम पर SCSS में ₹24.9 लाख
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वाइफ के नाम पर ₹21 लाख
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अगर wife की मृत्यु हो जाती है, तो वाइफ वाला खाता बंद करना होगा, हसबैंड का खाता चालू रह सकता है।
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2. आवश्यक डॉक्युमेंट्स
बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करने के लिए ये डॉक्युमेंट्स जरूरी होंगे:
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मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)
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खाता धारक का पहचान पत्र
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SCSS खाता बंद करने का फॉर्म (Bank/Post Office द्वारा उपलब्ध कराया जाता है)
3. ब्याज भुगतान नियम
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मृत्यु की तारीख तक ब्याज मिलेगा SCSS के रेट (अभी 8.2%) से।
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उसके बाद खाते के बंद होने तक ब्याज मिलेगा सामान्य सेविंग्स अकाउंट के रेट से (लगभग 4%)।
4. क्या जीवित spouse और निवेश कर सकता है?
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हाँ, परंतु अधिकतम सीमा ₹30 लाख तक ही।
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अगर पहले से ₹24.9 लाख जमा हैं, तो केवल ₹5.1 लाख ही और जमा किया जा सकता है।
5. अतिरिक्त राशि का क्या करें?
अगर SCSS की सीमा पूरी हो गई है, तो आप ये विकल्प देख सकते हैं:
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Post Office Monthly Income Scheme (POMIS)
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National Savings Certificate (NSC)
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Post Office या Bank Fixed Deposit
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वरिष्ठ नागरिकों के लिए अन्य योजनाएं
ये सभी विकल्प कम जोखिम और गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं।
6. क्या बच्चों को जोड़ सकते हैं?
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नहीं, SCSS में सिर्फ spouse के साथ ही joint account खोला जा सकता है।
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बेटा या बेटी को nominee बनाया जा सकता है ताकि भविष्य में खाता क्लेम कर सकें।
7. अंतिम सलाह
किसी भी निर्णय से पहले एक अनुभवी Financial Advisor से परामर्श ज़रूर लें। इससे आपका निवेश संरचित रहेगा और कानूनी प्रक्रियाएं भी आसान होंगी।