SEBI की निगरानी में Corporate Capital Ventures

SEBI की निगरानी में Corporate Capital Ventures, कंपनी ने आरोपों को नकारा

 

SEBI की निगरानी में Corporate Capital Ventures

पहले रिपोर्ट में गलती, अब स्थिति स्पष्ट

SEBI की निगरानी में Corporate Capital Ventures 

1 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि SEBI ने Corporate Capital Ventures Ltd. (CCVL) और उसके निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह दस्तावेज़ केवल SEBI की आंतरिक चर्चा का हिस्सा था और इसे कंपनी या उसके निदेशकों को आधिकारिक रूप से भेजा ही नहीं गया था।

SEBI के जांच दायरे में एक Merchant Banker

दिल्ली स्थित Merchant Banking Firm Corporate Capital Ventures Ltd. (CCVL), जिसे कई SME IPOs को मैनेज करने का अनुभव है, SEBI की निगरानी में आ गई है।

आरोप

  • एक शिकायत के अनुसार, कुलभूषण पराशर (CCVL के निदेशक) ने लिस्टिंग से पहले अपने रिश्तेदारों के माध्यम से शेयर खरीदे।
  • SEBI ने अगस्त 2022 से जून 2024 के बीच की गतिविधियों की जांच की।

IPO संचालन और जांच के मुख्य बिंदु

Corporate Capital Ventures ने 6 SME IPOs का प्रबंधन किया, जिनमें शामिल हैं:

  1. Oriana Power
  2. Annapurna Swadisht
  3. Dronacharya Aerial Innovations
  4. Crayons Advertising
  5. Creative Graphics Solutions India
  6. Rocking Deals Circular Economy

शिकायत में क्या आरोप लगाए गए?

शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि:

  • Oriana Power के 25,000 इक्विटी शेयर और 25,000 बोनस शेयर कुलभूषण पराशर के रिश्तेदारों को निजी रूप से आवंटित किए गए।
  • Unizon Fintech Pvt Ltd., जिसमें कुलभूषण पराशर निदेशक और हिस्सेदार हैं, ने Creative Graphics और Rocking Deals के IPOs में निवेश किया।

SEBI की निगरानी में Corporate Capital Ventures

कंपनी ने किया आरोपों का खंडन

Corporate Capital Ventures ने SEBI से कोई भी आधिकारिक नोटिस मिलने से इनकार किया है।

Moneycontrol को भेजे गए बयान में कंपनी ने कहा
“हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें SEBI से कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिला है।”

SEBI की कड़ी नजर SME IPOs पर

SEBI हाल के दिनों में SME IPO सेक्टर पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।

  • HOAC Foods IPO 2013 गुना सब्सक्राइब हुआ।
  • Kayce Energy & Infra और Medicamen Organics के IPOs 1052 गुना और 993 गुना सब्सक्राइब हुए।

क्या SEBI की यह जांच बाजार के लिए जरूरी है?

SEBI की यह जांच SME IPO सेक्टर में पारदर्शिता बनाए रखने और निवेशकों को संभावित जोखिमों से बचाने के लिए की जा रही है। हालांकि, जब तक SEBI की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आता, तब तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकती।

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