SEBI का बड़ा खुलासा फ्रंट रनिंग घोटाले में ₹65.77 करोड़ जब्त

SEBI का बड़ा खुलासा फ्रंट रनिंग घोटाले 

2 जनवरी को भारतीय बाजार नियामक SEBI ने फ्रंट रनिंग घोटाले में शामिल 22 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की। इस घोटाले में स्टॉक मार्केट ऑपरेटर केतन पारेख और सिंगापुर के ट्रेडर रोहित सलगांवकर की प्रमुख भूमिका उजागर हुई है।

केतन पारेख और रोहित सलगांवकर पुराने घोटालों से जुड़ी कहानी

  • साल 2000 का घोटाला
    पहले भी केतन पारेख और रोहित सलगांवकर एक बड़े घोटाले में दोषी पाए गए थे।
  • सिक्योरिटीज मार्केट में प्रतिबंध
    इन पर 14 साल तक सिक्योरिटीज मार्केट में एंट्री पर रोक लगाई गई थी।

SEBI का बड़ा खुलासा फ्रंट रनिंग घोटाले 

घोटाले की जांच और जब्ती

  • जांच का दायरा
    सेबी ने 20 ठिकानों पर छापेमारी कर जांच की।
  • गैर-कानूनी लाभ
    घोटाले के जरिए ₹65.77 करोड़ की अवैध कमाई की गई, जिसे जब्त कर लिया गया है।
  • सेबी का आदेश
    SEBI ने इस मामले में 22 इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रमुख दोषियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

कैसे हुआ फ्रंट रनिंग?

  • बिग क्लाइंट की ट्रेडिंग जानकारी का दुरुपयोग
    रोहित सलगांवकर ने फंड हाउस की गोपनीय ट्रेडिंग जानकारी केतन पारेख को दी, जिसका पारेख ने अपने नेटवर्क के जरिए फायदा उठाया।
  • सहयोगी की भूमिका
    अशोक कुमार पोद्दार ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

SEBI की सख्त कार्रवाई

  • तत्काल प्रतिबंध
    केतन पारेख, रोहित सलगांवकर और अशोक कुमार पोद्दार को सिक्योरिटीज मार्केट में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
  • पहले की रोक
    केतन पारेख और अशोक कुमार पोद्दार पर पहले से ही सिक्योरिटीज मार्केट में प्रतिबंध लागू था।

कोलकाता नेटवर्क का उपयोग

जांच में खुलासा हुआ कि केतन पारेख ने कोलकाता में अपने पुराने नेटवर्क का उपयोग कर रेगुलेटरी दायरे से बाहर बड़े पैमाने पर अवैध ट्रेडिंग गतिविधियां संचालित कीं।

निवेशकों के लिए चेतावनी

यह घोटाला एक बार फिर बाजार में पारदर्शिता और रेगुलेटरी सख्ती की आवश्यकता को रेखांकित करता है। निवेशकों को सतर्क रहने और निवेश से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करने की सलाह दी जाती है।

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