SEBI का नया Investor Awareness Campaign
भारतीय पूंजी बाज़ार नियामक SEBI जल्द ही एक बड़ा निवेशक जागरूकता अभियान (Investor Awareness Campaign) शुरू करने जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य है—ऐसे लोगों को Futures & Options (F&O) बाजार से दूर रखना जो इसके जोखिम और रणनीतियों को सही तरीके से नहीं समझते।BCAS इवेंट में हुई घोषणा
5 जुलाई 2025 को Bombay Chartered Accountants Society (BCAS) के एक कार्यक्रम में SEBI के चेयरमैन Tuhin Kanta Pandey ने यह जानकारी दी। उन्होंने साफ कहा
“हम ऐसे लोगों को F&O मार्केट में प्रवेश करने से हतोत्साहित कर रहे हैं, जिनके पास जरूरी स्किल्स और समझ नहीं है।”
SEBI का जागरूकता अभियान किन मुद्दों पर होगा केंद्रित?
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जिम्मेदार निवेश (Responsible Investing)
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F&O से जुड़े जोखिमों की समझ
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Cyber Frauds और Digital Safety
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Diversified Portfolio का महत्व
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Government Securities में निवेश
Jane Street पर SEBI की कड़ी कार्रवाई
SEBI ने हाल ही में अमेरिका की ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर ₹4,843 करोड़ की गैरकानूनी कमाई के लिए सख्त कार्रवाई की है।
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फर्म पर आरोप है कि उन्होंने Index Options की Expiry Days पर इंडेक्स को आर्टिफिशियली ऊपर-नीचे कर Manipulation किया।
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SEBI ने इस मुनाफे को Escrow Account में वापस जमा करने का आदेश दिया है।
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यह मामला SEBI के उस रुख को दर्शाता है कि अब मार्केट मैनिपुलेशन को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Pandey की सलाह Diversified Portfolio बनाएँ
SEBI चेयरमैन ने निवेशकों से अपील की कि वे अपनी Risk Profile और Financial Goals के हिसाब से एक Balanced और Diversified Portfolio बनाएं।
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि SEBI और RBI मिलकर Retail Investors के लिए Government Securities में सीधे निवेश को आसान बना रहे हैं। इसका पहला चरण तैयार हो चुका है, जिससे अब ब्रोकर के जरिए G-Sec में ऑर्डर देना संभव होगा।
Cyber Fraud से कैसे होगा बचाव?
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SEBI ने Cyber Security को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
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1 अक्टूबर 2025 से UPI में “Validated UPI” और “SEBI Check” फीचर लागू किया जाएगा।
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इससे निवेशक किसी भी UPI ID या बैंक खाते की प्रामाणिकता (Authenticity) आसानी से जांच सकेंगे, जिससे फ्रॉड से सुरक्षा बढ़ेगी।
Disclosure Framework होगा और सख्त
SEBI ने Listed Companies के लिए एक सुदृढ़ और पारदर्शी डिस्क्लोज़र फ्रेमवर्क तैयार किया है:
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समय पर और ईमानदार Disclosures से निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
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लेकिन देर से या भ्रामक खुलासे से बाजार में अस्थिरता और जोखिम बढ़ जाता है।