12 मई की शेयर बाजार रैली निवेशकों को बड़ी राहत
12 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजारों ने जबरदस्त उछाल दर्ज किया, जिससे निवेशकों को काफी राहत मिली। प्रमुख इंडेक्स में लगभग 3% की तेजी देखी गई, जो पिछले कुछ दिनों के दबाव के बाद एक सकारात्मक संकेत था। हालांकि, 13 मई को शुरुआती कारोबार में बाजार थोड़ा दबाव में दिखा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक घटनाक्रम
बाजार की इस मजबूती के पीछे कई वैश्विक सकारात्मक घटनाएं हैं, जिनमें शामिल हैं:
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India-Pakistan के बीच Ceasefire की पुष्टि
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US-China Tariff Deal पर सहमति
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India-UK Free Trade Agreement का साइन होना
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Russia द्वारा Ukraine के साथ समझौते के संकेत
इन घटनाओं ने वैश्विक स्तर पर बाजार भावना (Global Sentiment) को सकारात्मक दिशा में मोड़ा है।
भारत एक वैश्विक नेता के रूप में उभरता हुआ
Lion Hill Capital के फाउंडर एस. कृष्णकुमार के अनुसार, भारत अब एक Global Emerging Leader बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही पाकिस्तान के साथ टकराव पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ हो, लेकिन भारत की विदेश नीति और कूटनीति इसे वैश्विक मंच पर आगे बढ़ा रही है।
सरकार की वित्तीय स्थिति (Fiscal Health) पर कुछ दबाव हो सकता है, और War Cess जैसी चीज़ों की संभावनाएं बन सकती हैं, लेकिन फिलहाल सरकार का फोकस Private Sector Investment को प्रोत्साहित करने पर है।
आगे की मार्केट दिशा कैसी होगी?
कृष्णकुमार का मानना है कि आने वाले समय में बाजार की चाल पूरी तरह Revenue और Earnings Growth पर आधारित होगी।
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फिलहाल Nifty अपने ऑल-टाइम हाई से केवल 6% नीचे ट्रेड कर रहा है।
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अगले 6 महीनों में बाजार की स्थिति Earnings Upgrades और Export Signals पर निर्भर करेगी।
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फिलहाल Investor Confidence थोड़ा कमजोर है, लेकिन जैसे ही External Trade संकेत स्पष्ट होंगे, बाजार में सकारात्मक रुख लौट सकता है।
शॉर्ट टर्म रणनीति
Wait and Watch की नीति अपनाएं। नीति में स्थिरता (Policy Stability) का मूल्यांकन करें।
US-China डील का भारत पर संभावित असर
US-China Trade Agreement के संदर्भ में कृष्णकुमार का कहना है कि यह सौदा चीन के लिए ज्यादा लाभदायक साबित हो सकता है क्योंकि:
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चीन की मार्केट वैल्यूएशन भारत से कम है।
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वहां के बाजारों का हालिया प्रदर्शन कमजोर रहा है।
इस कारण, Global Investors कुछ समय के लिए चीन की ओर शिफ्ट हो सकते हैं, जिससे भारतीय बाजार में अल्पकालिक Foreign Investment Outflow संभव है।
निष्कर्ष
12 मई की रैली ने निवेशकों को राहत दी है, लेकिन बाजार की दिशा अगले कुछ हफ्तों में तय होगी जब अर्जन परिणाम (Earnings), नीतिगत स्थिरता, और ग्लोबल इकोनॉमिक ट्रेंड्स स्पष्ट होंगे।