भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी
भारतीय शेयर बाजार अपने ऑल टाइम हाई से करीब 12% नीचे आ चुका है, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो में 30 से 50% तक की गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के पीछे कई ग्लोबल और डोमेस्टिक कारण माने जा रहे हैं।
ग्लोबल मार्केट में दबाव टैरिफ वॉर का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा घोषित टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक बाजारों में भारी दबाव बना हुआ है। इसका असर भारत की कंपनियों की अर्निंग रिपोर्ट पर भी पड़ सकता है।
Q3 अर्निंग रिपोर्ट में गिरावट
- Nifty 50 की 72% कंपनियों ने FY26 के लिए EPS में कटौती दर्ज की।
- केवल 4% की सालाना वृद्धि देखी गई।
- कुछ सेक्टर जैसे इंडस्ट्रीज, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी इस कटौती से कुछ हद तक बचने में सफल रहे।
- जिन सेक्टर्स में 5% से अधिक की EPS कटौती हुई, उनमें इंश्योरेंस (7.2%) और मेटल व माइनिंग (7.2%) शामिल हैं।
बाजार की मंदी पर एक्सपर्ट्स की राय
पीएमएस फंड मैनेजर सौरभ मुखर्जी का कहना है कि भारत में अर्निंग ग्रोथ में ऐतिहासिक मंदी देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि –
“इस मंदी में, मूल्यांकन अत्यधिक लग रहे हैं। सुस्त शहरी मांग, कमजोर शीतकालीन पोर्टफोलियो उठाव और उच्च खाद्य मुद्रास्फीति इसका मुख्य कारण हैं।”
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- लंबी अवधि के निवेशक ब्लूचिप और डिफेंसिव स्टॉक्स पर ध्यान दें।
- अधिक गिरावट की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त निवेश से बचें।
- टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस को प्राथमिकता दें।
- निवेश से पहले फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।