भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी जानें 6 प्रमुख कारण

भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी जानें 6 प्रमुख कारण

गुरुवार, 15 मई को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। Nifty और Sensex दोनों ही 1.5% से अधिक की मजबूती के साथ बंद हुए। लगभग सभी सेक्टरों में खरीदारी देखने को मिली और बाजार हरे निशान में बंद हुआ।

अब सवाल उठता है — आखिर इस तेजी के पीछे कौन से प्रमुख कारण रहे? आइए विस्तार से जानते हैं

 बाजार की तेजी के 6 बड़े कारण

जोरदार तेजी

भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीद

अमेरिकी राष्ट्रपति  ने एक बयान में खुलासा किया है कि भारत और अमेरिका के बीच Zero Trade Tariff Agreement पर बातचीत चल रही है। यह डील दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बना सकती है। खबर सामने आने के बाद बाजार में निवेशकों का भरोसा और बढ़ गया।

 कच्चे तेल के दाम में गिरावट

ईरान-अमेरिका परमाणु समझौते की उम्मीद के चलते क्रूड ऑयल की कीमतों में गुरुवार को $2 प्रति बैरल की गिरावट आई। यह गिरावट भारत जैसे आयात-आधारित देशों के लिए पॉजिटिव मानी जाती है और इससे व्यापार घाटा कम हो सकता है।

 सोने की कीमतों में गिरावट

बुधवार को सोने की कीमत में 1.5% की गिरावट दर्ज की गई। सोना अपने उच्चतम स्तर से अब तक 8.5% नीचे आ चुका है। इससे यह संकेत मिलता है कि ग्लोबल रिस्क सेंटीमेंट सुधर रहा है और निवेशक इक्विटी मार्केट में पैसा लगा रहे हैं।

जोरदार तेजी

एफआईआई की लगातार खरीदारी

15 अप्रैल से अब तक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में ₹50,000 करोड़ से ज्यादा की पूंजी लगाई है। यह संकेत करता है कि विदेशी निवेशक भारतीय ग्रोथ स्टोरी पर विश्वास जता रहे हैं।

 डॉलर इंडेक्स में गिरावट, रुपए में मजबूती

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में गुरुवार को 0.29% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। रुपये की मजबूती विदेशी निवेश के लिए आकर्षक माहौल बनाती है।

अमेरिका में कमज़ोर महंगाई दर

अमेरिका में उपभोक्ता मुद्रास्फीति (CPI) केवल 0.2% बढ़ी, जो कि मार्केट अनुमान से कम है। इसका मतलब है कि वहां ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना घट रही है, जिससे ग्लोबल इक्विटी मार्केट्स में तेजी आई है।

निष्कर्ष

इन सभी पॉजिटिव ग्लोबल और डोमेस्टिक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार में व्यापक तेजी देखी गई। निवेशकों को अब आगे भी भारत-अमेरिका ट्रेड डील, एफआईआई फ्लो और ग्लोबल डेटा पॉइंट्स पर नजर रखनी चाहिए।

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