बाजार में लगातार गिरावट, Nifty टूटा 24,900 के नीचे

 Nifty टूटा 24,900 के नीचे

 

भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन कमजोरी देखने को मिली है। Nifty 180 अंकों से अधिक गिरकर 24,900 के नीचे कारोबार कर रहा है। HDFC Bank, Bajaj Finserv, RIL और Infosys जैसे दिग्गज शेयरों ने बाजार पर नकारात्मक असर डाला है।

हालांकि, Bank Nifty ने निचले स्तरों से हल्की रिकवरी दिखाई है, लेकिन Midcap और Smallcap शेयरों में दबाव बना हुआ है। Auto, Capital Goods और Defence सेक्टर में गिरावट रही, वहीं PSU Banks और Pharma सेक्टर में खरीदारी का माहौल दिखा। खासतौर पर Canara Bank, Union Bank और Bank of India में जबरदस्त तेजी रही।

Sunil Singhania का मार्केट आउटलुक उम्मीदों की शुरुआत

मार्केट एक्सपर्ट Sunil Singhania ने CNBC Awaaz को दिए इंटरव्यू में कहा कि दूसरी तिमाही से कंपनियों की कमाई में तेजी देखने को मिल सकती है। Banking-Financials, Agrochemical और Power सेक्टर में मजबूती के संकेत हैं।

 Tesla की भारत में एंट्री बड़ा अवसर

Singhania ने कहा कि भारत अब ग्लोबल कंपनियों के लिए एक नजरअंदाज न करने वाला मार्केट बन गया है। Tesla जैसी कंपनी, जो अब तक सिर्फ विकसित देशों में थी, अब ग्रोथ की संभावना वाले देशों में आ रही है — और भारत इसके लिए सबसे उपयुक्त है।

उनका मानना है कि अगर Tesla भारत में मैन्युफैक्चरिंग करती है तो इसकी कारें सस्ती हो सकती हैं। उन्होंने भारत के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और कोस्टल रोड्स की जरूरत भी जताई।

 Nifty टूटा 

 

Auto Sector क्या दिख रही है रिकवरी?

Sunil Singhania का कहना है कि पिछले दो वर्षों से discretionary consumption पर दबाव था, लेकिन अब इसमें सुधार के संकेत हैं। बीते छह महीने में liquidity बढ़ी है और ब्याज दरें 1% तक घटी हैं।

CRR कटौती और बढ़ती liquidity से सितंबर से दिसंबर तक ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी सिस्टम में आएगी, जिससे ग्रामीण और शहरी खपत में तेजी संभव है। इससे ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिल सकता है।

 Q1 Earnings और बाजार की दिशा

Singhania के अनुसार, Q1 में ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं और Nifty की कमाई में केवल 5–6% ग्रोथ की संभावना है, जबकि बाजार को 12–14% की जरूरत है। हालांकि, सितंबर तिमाही से सुधार देखने को मिल सकता है।

Risk-Reward और रियलिस्टिक रिटर्न

उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार भविष्य की ग्रोथ पर चलता है और निवेशक अब 10–12% की realistic return expectations के साथ चलें। पहले 15–20% की उम्मीदें रहती थीं, लेकिन अब ज़मीन पर आधारित सोच जरूरी है।

निष्कर्ष

Sunil Singhania का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मज़बूत ग्रोथ स्टोरी लिख रही है। Tesla जैसी कंपनियों की एंट्री इस ट्रेंड को और बल दे रही है। हालांकि बाजार फिलहाल दबाव में है, लेकिन सेक्टोरल मजबूती और liquidity के चलते आने वाले महीनों में तेजी की उम्मीद बरकरार है।

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